कांग्रेस पार्टी को वर्ष 2020-21 में उसके पहले के मुकाबले 58 फीसदी कम धनराशि मिली है। चुनाव आयोग को सौंपी गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की आय वित्तीय वर्ष 2020-21 में 58 प्रतिशत से अधिक घट गई। उसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कांग्रेस की आय 682.2 करोड़ रुपये से घटकर 285.7 करोड़ रुपये हो गई। वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को पहले के मुकाबले अधिक चंदा मिला है।
30 मार्च को चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट से पता चला कि 2020-21 में कांग्रेस पार्टी का खर्च भी पिछले वित्तीय वर्ष (2019) की तुलना में 998.15 करोड़ रुपये से घटकर 209 करोड़ रुपये हो गया। जबकि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव भी था। वित्त वर्ष 2018-19 में कांग्रेस की आय 918 करोड़ रुपये थी। उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट जारी है।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार पार्टी की आय का एक बड़ा हिस्सा कूपन जारी करने से आया है। पार्टी ने बताया कि उसे कूपन के जरिए 156.9 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं अनुदान और दान के माध्यम से पार्टी को 95.4 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि 20.7 करोड़ रुपये शुल्क और सदस्यता से आए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) सहित अन्य दलों ने भी अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी है।
एनसीपी की आय वित्त वर्ष 2020 में 85.5 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2021 में 34.9 करोड़ रुपये हो गई। पार्टी का खर्च भी पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 109.18 करोड़ रुपये से गिरकर 2020-21 में 12.17 करोड़ रुपये हो गया है। जनता दल यूनाइटेड की आय वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में बढ़ी है। पार्टी की वार्षिक आय 23.25 करोड़ रुपये से बढ़कर 65.31 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान पार्टी का खर्च भी 10.67 करोड़ रुपये से बढ़कर 24.34 करोड़ रुपये हो गया है।
राजनीतिक दलों को सबसे बड़े दानदाताओं में से एक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) के योगदान में 9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। PET ने वित्त वर्ष 2021 में 245.7 करोड़ रुपये का दान दिया, जबकि वित्त वर्ष 20 में 271 करोड़ रुपये का दान दिया था। कांग्रेस को PET ने वित्त वर्ष 2020 में 31 करोड़ का चंदा दिया था जबकि 2021 में महज 2 करोड़ चंदा दिया।