कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की बड़ी आंत (इन्टेस्टाइन) में ट्यूमर हो गया है। वह इलाज के लिए विदेश जाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी। वाड्रा ने अपील की कि उन्हें लंदन में डायग्नोसिस और आगे का इलाज कराना है, इसलिए उन्हें पासपोर्ट और विदेश जाने की अनुमति दी जाए। दरअसल, वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है। फिलहाल वह इस मामले में जांच का सामना कर रहे हैं, जबकि एक अप्रैल को कोर्ट ने निर्देश दिया गया था कि अदालत की पूर्व अनुमति के बगैर वह देश से बाहर न जाएं।
हालांकि, ताजा मामले में दिल्ली स्थित कोर्ट ने उनके विदेश जाने की मंजूरी वाली याचिका पर तीन जून तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले, उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष भी इस बाबत मंजूरी के लिए अपील दाखिल की थी। ईडी ने तब वाड्रा की अर्जी का विरोध किया था, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए ब्रिटेन और दो अन्य देशों की यात्रा की अनुमति मांगी थी।
ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि जांच अभी बहुत महत्वपूर्ण चरण में है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश होते हुए कहा, ‘‘उनकी हिरासत में पूछताछ की जरूरत है और वे फरार हो सकते हैं। वे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनकी चिकित्सीय स्थिति एक बहाना है। चिकित्सीय स्थिति नियमित चिकित्सीय जांच प्रतीत होती है।’’
स्पेशल जज अरविंद कुमार ने कहा कि वह तीन जून को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुनाएंगे। ईडी ने कोर्ट को बताया कि वाड्रा कथित हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े हैं जो कि लंदन में था। वाड्रा के अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने अदालत को बताया कि उनकी चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार उनकी बड़ी आंत में एक छोटा ट्यूमर है और वे लंदन में दूसरी राय लेना चाहते हैं।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत एक मामले की जांच का सामना कर रहे वाड्रा को एक अप्रैल को निर्देश दिया गया था कि वे उस अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएं जिसने उन्हें कई शर्तों के साथ अग्रिम जमानत प्रदान की थी। वाड्रा, लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड कीमत की एक संपत्ति खरीद मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। (भाषा इन्पुट्स के साथ)