जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रियों को वापस बुलाने के अभूतपूर्व फैसले और 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के बाद राज्य में भय के माहौल पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने इन फैसलों पर कहा कि हजारों कुर्बानियों के बाद भी बीजेपी कश्मीर को 1989 के दौर में ले जा रही है। पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के पांच दिग्गजों ने सत्ता पक्ष पर एकसाथ हमला बोला। आजाद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम, अंबिका सोनी, सांसद आनंद शर्मा और पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह मौजूद थे।
आजाद ने कहा ‘1989 में भाजपा समर्थित सरकार के दौरान हर जगह से कश्मीरी पंडितों को निकाला गया, वो आज तक कलंक के रूप में मौजूद है। आज 30 साल बाद वही स्थिति हमारे सामने है। देश के कोने-कोने से अपनी रोजी-रोटी की तलाश में जम्मू कश्मीर में रह रहे मजदूर वापस लौट रहे हैं। अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्र वापस लौट रहे हैं। उनके लिए बाकायदा सरकार बसें भेज रही है। ऐसी ही स्थिति 1989 में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार में हुआ था। ये जम्मू कश्मीर के लिए ठीक नहीं है। संसद सत्र चल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस स्थिति के बारे में देश को बताना चाहिए।’
वहीं अंबिका सोनी ने कहा ‘जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के पॉलिसी प्लानिंग ग्रुप की बैठक में चिंता जताई गई। वहां पर भय का जो माहौल बनाया जा रहा है और अमरनाथ यात्रा को रद्द किया गया है, वो बिलकुल भी उचित नहीं है।’ इसके बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह ने कहा कि 70 साल के सार्वजनिक जीवन में मैंने जम्मू-कश्मीर में कई कठिन परिस्थितियां देखीं, मगर आज जो हालात हैं, वैसे कभी नहीं रहे। अमरनाथ यात्रा को कभी बंद नहीं किया गया। ये शिव भक्तों के लिए गहरा धक्का है।’
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा जम्मू कश्मीर में जो अचानक से हुआ है, वो पूरे हिंदुस्तान के लिए चिंताजनक है। यह मौसम जम्मू कश्मीर के स्थानीय दुकानदारों, व्यापारियों के लिए आजीविका के लिहाज से बेहतरीन रहता है। ऐसे में वहां भय का माहौल इसे तहस-नहस करने वाला है।
चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए को हटाने को लेकर चल रही अफवाहों के बीच सरकार को कड़ी चेतावनी दी। चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वो संविधान को ढंग से नहीं समझ पा रहे है। अगर एक अध्यदेश से कोई कानून बनाता है तो उसका मतलब ये नहीं है कि उसको एक अध्यादेश से हटा सकते है। मैं चेतावनी देता हूं कि ऐसी हिमाकत नहीं करें।’
गौरतलब है कि सेना ने शुक्रवार को खुफिया सूचनाओं के हवाले से कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कहा कि वे घाटी में अपना प्रवास कम करके तुरंत ही घाटी छोड़ दें।

