शराब नीति मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है। इस पर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं और कांग्रेस पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि जब ये सरकारी एजेंसियां कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती हैं, तो पार्टी एजेंसियों को बदनाम करती है। अब जब मनीष सिसोदिया पर सीबीआई ने कार्रवाई की है तब एजेंसी की विश्वसनीयता बहाल हो गई है।
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, “ऐसा कैस हो जाता है? जब सीबीआई, ईडी और एनआईए समेत अन्य एजेंसियां कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई करती हैं तो उन पर सवाल उठाए जाते हैं और उन्हें बीजेपी का एजेंट बताया जाता है। लेकिन जब आप नेताओं पर कार्रवाई हुई तो उनकी कार्रवाई पर विश्वसनियता जताने लगे। एक ही समय पर ये कंपनियां विश्वसनीय और बदनाम कैसे हो सकती हैं?”
मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की छापेमारी पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिला है, बल्कि वो सिसोदिया पर हमलावर हैं। ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों पर कांग्रेस की टप्पणी ना आने के कारण विपक्षी एकता में झुंझलाहट सामने आई है क्योंकि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की सोनिया गांधी से पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया था।
तृणमूल, माकपा ने सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई की आलोचना की है। वहीं, बीजेपी ने इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर का भी नाम लिया है। पार्टी का दावा है कि दिल्ली शराब नीति पर एक बैठक में केसीआर के परिवार के सदस्य भी मौजूद थे और हैदराबाद के कुछ लोगों को दिल्ली में शराब के लाइसेंस मिले।
आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई पर पलटवार करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति की जा रही है। जांच में सहयोग का दावा करते हुए सिसोदिया ने कहा कि केंद्र मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रहा है क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी बनाम केजरीवाल होगा।