कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह से शनिवार को इस्तीफे की मांग की और इसे देश का सबसे बड़ा पीडीएस घोटाला करार दिया।

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एकमात्र तरीका विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन है जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करे। उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख भूपेश बघेल और राज्य विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा- निष्पक्ष जांच तय करने के लिए रमन सिंह को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।

माकन ने दावा किया कि घोटाले के आकार का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले 11 साल के भाजपा शासन में धान और अन्य चीजों की खरीद पर सरकारी खजाने से करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने रिश्वत और कमीशन के रूप में हजारों करोड़ रुपए अर्जित करने के लिए चावल मिल मालिकों, पीडीएस दुकानों के मालिकों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की एक बढ़िया मशीन तैयार की।

उन्होंने राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए नमक, चना, केरोसिन, गेहूं आदि की खरीद में भी समान भ्रष्टाचार होने का दावा किया। माकन ने आरोप लगाया कि निगम के 36 कार्यालयों पर छापों के बाद भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने चालान दाखिल किया है लेकिन यह सिर्फ मामले को ढकने और मुख्यमंत्री को बचाने के लिए है। उन्होंने आरोप लगाया कि छापों के दौरान एसीबी की ओर से आरोपियों में से एक से बरामद की गई डायरी में मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी और एक अन्य रिश्तेदार के नाम हैं।

उन्होंने एक अन्य डायरी प्रवष्टि का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सिंह ने 16-16 करोड़ रुपए भाजपा मुख्यालय और नागपुर में आरएसएस कार्यालय को दिए। उन्होंने मांग की कि दोनों संगठनों को जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि एसीबी के बरामद दस्तावेजों में सिंह की एक रिश्तेदार के अलावा उनके निजी सचिव और ओएसडी के नाम और पतों का जिक्र किया गया है।