कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तेल के लगातार बढ़ते दामों पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सोनिया ने मोदी से आग्रह किया है कि तत्काल प्रभाव से सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी करे, जिससे मध्यम वर्ग, नौकरी पेशा तबके के साथ किसानों और गरीबों को राहत मिल सके। उनका कहना है कि तेल के दामों में बढ़ोतरी से बाकी चीजों के दाम भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। इससे लोग परेशान हैं। उधर, बंगाल सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में 1 रुपए की कमी कर दी है। यह 22 फरवरी की मध्यरात्रि से अमल में आएगी।
सोनिया ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकार गंभीरता से इस पर विचार करे। बीते साढ़े 6 साल में डीजल पर 820% तो पेट्रोल पर 258% कर सरकार ने बढ़ाया है। इससे दाम आसमान पर जा पहुंचे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने तेल में बढ़ोतरी करके इस दौरान 21 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, लेकिन यह रकम भी अभी तक समाज के उस कमजोर तबके तक नहीं पहुंच सकी है, जिसके नाम पर ये पैसा एकत्र किया गया। उनका कहना है कि तेल के दामों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है। यहां तक कि पेट्रोल कुछ जगहों पर 100 रुपए से ज्यादा की कीमत में बिक रहा है।
सोनिया ने कहा कि इसे वह सरकार की क्रूरता ही कहेंगी कि वो तेल के दामों में कमी करने से भी इनकार कर रही है। सोनिया ने पीएम को राजधर्म की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार तत्काल इस मसले में कोईव कदम उठाए। उन्होंने गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी के लिए भी सरकार पर कटाक्ष किया। कहा कि इससे लोगों का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाएगा। सोनिया ने कहा कि सबसे गंभीर बात यह है कि बीजेपी पिछले सात साल से सरकार में है, लेकिन अर्थव्यवस्था में नाकामी का ठीकरा वो पिछली सरकारों पर फोड़ रही है।
Congress Chief Sonia Gandhi writes to PM Narendra Modi over rising fuel prices. "I urge you to roll back these increases and pass on the benefit to our middle & salaried class, our farmers & poor and our fellow citizens," she writes. pic.twitter.com/Mtbtg5sHwZ
— ANI (@ANI) February 21, 2021
There are two main reasons behind fuel price rise. International market has reduced fuel production & manufacturing countries are producing less fuel to gain more profit. This is making the consumer countries suffer: Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan (1/4) pic.twitter.com/SA9u9RBkeb
— ANI (@ANI) February 21, 2021
We have continuously been urging the OPEC & OPEC plus countries that it should not happen. We hope there will be a change: Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan (2/4) pic.twitter.com/8FwtlaOJJD
— ANI (@ANI) February 21, 2021
Another reason is COVID. We've to do various development work. For this, Centre&state govts collect tax. Spending on development work will generate more jobs. Govt has increased its investment & 34% more capital spending will be done in this budget: Union Petroleum Minister(3/4)
— ANI (@ANI) February 21, 2021
State govts will also increase spending. This is why we need this tax but there is also the need for balance. I believe Finance Minister can find a way: Union Minister Dharmendra Pradhan (4/4) pic.twitter.com/LaBUI5nMbv
— ANI (@ANI) February 21, 2021
सोनिया ने कहा कि सरकार का गठन लोगों के दुख दर्द दूर करने के लिए होता है, न कि अपने फायदे देखने के लिए। उन्होंने तेल की कीमतों में कमी करने का आग्रह करते हुए लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी बात को ध्यान में रखकर तत्काल कोई कदम उठाएगी, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग तबके को राहत मिल सके। उनका कहना है कि घरेलू तेल उत्पादन का आंकड़ा पिछले 18 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
उधर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार फ्यूल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं करेगी। ऐसे में महंगाई बढ़ने का अंदेशा है। कीमतें बढ़ने को लेकर केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती। इन्हें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर करती हैं। इसके दाम कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करते हैं।
प्रधान का यह भी कहना है कि तेल उत्पादक देश उपभोक्ता देशों के हितों के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कृत्रिम मूल्य तंत्र का निर्माण किया है। इससे उपभोक्ता देशों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में कमी आई और पेट्रोलियम उत्पादकों को उत्पादन में कमी करनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि अब अर्थव्यवस्था फिर से उठ खड़ी हुई है पर तेल उत्पादकों ने उत्पादन नहीं बढ़ाया है। इसके लिए सरकार उनसे आग्रह करने जा रही है। उनका कहना है कि कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को गहरा आघात लगा था। अब सरकार स्थितियों को ठीक करने का काम कर रही है। राज्य सरकारों के खर्च भी बढ़ रहे हैं। ये कारण भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं।