Bharat Jodo Nyaya Yatra: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाई। इसी के साथ कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत हो गई। यात्रा रविवार शाम को लगभग 4:30 बजे के करीब खोंगजोम युद्ध स्मारक से शुरू हुई। यह यात्रा 6,713 किमी की दूरी तय करेगी। जिसमें 100 लोकसभा क्षेत्र और 337 विधानसभा क्षेत्र और 110 जिले शामिल है। यात्रा 67 दिनों के बाद 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।

यात्रा से पहले मणिपुर हिंसा पर राहुल गांधी ने कहा कि कोने-कोने में नफरत फैली, लाखों का नुकसान हुआ, जनहानि हुई, लेकिन देश के प्रधानमंत्री आप लोगों से मिलने नहीं आए। राहुल ने कहा कि शायद पीएम मोदी के लिए मणिपुर, हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है, लेकिन हम जनता के मन की बात सुनना चाहते हैं। गांधी ने कहा कि देश में मंहगाई और बेरोजगारी चरम पर है। बीजेपी के लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं है। राहुल ने कहा कि हमने इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा की थी। हमको बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। लोगों ने अपना दुख दर्द मुझसे बांटा।

मणिपुर से यात्रा शुरू करने की राहुल गांधी ने बताई वजह

राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा। इसलिए पैदल के साथ-साथ बस यात्रा का फैसला किया। सवाल उठा कि यात्रा कहां से शुरु करें, किसी ने कहा वेस्ट से करो, किसी ने ईस्ट बताया। मैंने साफ कहा- अगली भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ मणिपुर से शुरू हो सकती है। मणिपुर में बीजेपी की नफरत की राजनीति है। इस यात्रा में राहुल के साथ अशोक गहलोत, सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, आनंद शर्मा और राजीव शुक्ला जैसे कई सीनियर नेता मणिपुर पहुंचे थे।

‘पंडित नेहरू ने मणिपुर को भारत का गहना बताया था’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मोदी जी समंदर में सैर करने जाते हैं, राम-राम जपते हैं लेकिन मणिपुर नहीं आते। उनके मुख में राम और बगल में छुरी है। खड़गे ने कहा कि जब पंडित नेहरू पहली बार मणिपुर आए थे तब उन्होंने इसे भारत का गहना बताया था। यही बात इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी कही थी। यह मणिपुर की वह भूमि है जो आजादी के लिए लड़ी। शायराना अंदाज में खड़गे ने कहा कि जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का फिर देखना फिजूल है, कद आसमान का।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मकर संक्रांति के पवित्र अवसर पर न्याय के लिए यह यात्रा मणिपुर से शुरू हो रही है। राहुल गांधी के नेतृत्व में ये यात्रा पूरब से पश्चिम यानी मणिपुर से मुंबई तक जाएगी। यात्रा सफल या असफल हो, ये अलग बात है, ये विचारधारा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा ही देश को बचा सकती है। इस यात्रा का चुनाव में जीत या हार से कोई लेना-देना नहीं है।

हालांकि कांग्रेस ने कहा कि यह कोई चुनावी यात्रा नहीं है, राहुल की यात्रा 2.0 जिन लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी, उनकी सूची से संकेत मिलता है कि पार्टी हिंदी क्षेत्रों पर भारी ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे पहले राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 3,000 किलोमीटर से ज्यादा पैदल यात्रा की थी।

यूपी में सबसे ज्यादा समय तक रहेगी न्याय यात्रा

भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक दिन के लिए मणिपुर में रहेगी। इसके बाद यह नगालैंड में प्रवेश करेगी और दो दिनों में 257 किलोमीटर और 5 जिलों को कवर करेगी और आठ दिनों में असम में 833 किलोमीटर और 17 जिलों को कवर करेगी। इसके बाद यात्रा एक-एक दिन के लिए अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जाएगी।

मध्य प्रदेश में 7 दिन, 698 किलो. और 9 जिलों को कवर करेगी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की यह यात्रा 7 दिनों में 698 किलोमीटर और 9 जिलों को कवर करेगी। यह एक दिन में राजस्थान के 2 जिलों जाएगी। राहुल की यह यात्रा गुजरात और महाराष्ट्र में पांच-पांच दिनों तक चलेगी, जो क्रमशः 445 किमी और 479 किमी की दूरी तय करेगी। इसका समापन 20 या 21 मार्च को मुंबई में होगा।

ओडिशा में 4 दिन में 341 किलोमीटर कवर करेगी

ओडिशा में न्याय यात्रा चार दिन में 341 किलोमीटर और चार जिलों को कवर करेगी और छत्तीसगढ़ में पांच दिन में 536 किलोमीटर और सात जिलों को कवर करेगी। कांग्रेस की यह यात्रा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 दिन का समय बिताएगी और 20 जिलों को कवर करेगी।

पश्चिम बंगाल में 5 दिनों तक चलेगी यात्रा

यात्रा पश्चिम बंगाल में पांच दिनों तक चलेगी, जिसमें 523 किलोमीटर और 7 जिले शामिल होंगे। बिहार में 4 दिन तक 425 किमी और 7 जिलों को कवर किया जाएगा। इसके बाद झारखंड में यात्रा आठ दिन में 804 किलोमीटर और 13 जिलों को कवर करेगी।