भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के वॉट्सऐप को हैक कर उनके साथ जासूसी करने की बात सामने आई है। इस जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार (31 अक्टूबर) को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। इसके साथ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले पर खुद दखल करे एवं सरकार को जवाबदेह ठहराए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा करते हुए कहा है कि ‘अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार’ इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। बता दें कि वॉट्सऐप ने यह खुलासा किया है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भारत के कई पत्रकार व मानवाधिकार एक्टिविस्ट पर एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए नजर रखा गया था। इस खुलासे के बाद से ही कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।

सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर लगाया आरोपः मामले में सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार जासूसी करते पकड़ी गई है। चिंताजनक है, लेकिन हैरान करने वाली बात नहीं है। आखिरकार भाजपा सरकार हमारी निजता के खिलाफ लड़ी, करोड़ों रुपए का निगरानी ढांचा बनाया।’ उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और भाजपा सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए।

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सुरजेवाला- लोकतंत्र में नेतृत्व करने का अधिकार खो चुकी बीजेपीः कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा, ‘पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं की जासूसी कराने वाली और अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने वाली सरकार हमारे लोकतंत्र में नेतृत्व करने का अधिकार खो चुकी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय से आग्रह करते हैं कि वह इन गैरकानूनी गतिविधियों का खुद संज्ञान ले और इस सरकार को जवाबदेह ठहराए।’ दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए विश्व स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।

वॉट्सऐप हैक करवाने वालों के नाम का खुलासा नहीं कियाः मामले में वॉट्सऐप ने बयान जारी कर कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। यह इजरायल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह टेक्नोलॉजी विकसित की है जिसके जरिए जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। बता दें कि चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, वॉट्सऐप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।