कुत्ते से तुलना किए जाने के मुद्दे पर वीके सिंह को लेकर टकराव तेज करते हुए कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। कांग्रेस ने यह निर्णय हरियाणा में दो दलित बच्चों को जला कर मार डालने की घटना के संदर्भ में सिंह की टिप्पणी को लेकर किया। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों की पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में इस संबंध में निर्णय किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी चिकित्सकीय जांच के लिए अमेरिका गई हैं और उनकी अनुपस्थिति में राहुल ने यह ऐसी पहली बैठक की बुलाई। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि वे अपने ऐसे सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिनका आचरण स्थापित संवैधानिक सिद्धांतों और प्रक्रियाओं के खिलाफ है। शर्मा ने कहा कि मोदी को सिंह की टिप्पणियों पर संज्ञान लेकर राष्ट्रपति से उन्हें हटाने की सिफारिश करनी चाहिए। कांग्रेस ने बुधवार को लोकसभा में सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा और वाकआउट किया था। तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों ने भी मंत्री के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शिकायत की कि सरकार ने असहिष्णुता पर बहस के दौरान सिंह की दलितों के बारे में की गई टिप्पणियों पर कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने सदन में मौजूद मोदी से सवाल किया कि उनकी सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए क्या योजना है।

राज्यसभा में गुरुवार को बसपा और कांगे्रस के कई सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के सदन में आने पर गहरी आपत्ति जताते हुए उन्हें सरकार से बर्खास्त करने की मांग की। हरियाणा में कुछ समय पहले दो दलित बच्चों की मौत के बाद उनके ‘कुत्ते’ संबंधी बयान के कारण विपक्षी सदस्य उनसे सदन से जाने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तनातनी और हंगामे के चलते बैठक को दो बार संक्षिप्त रूप से स्थगित किया गया। सिंह जैसे ही सदन में आए, बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि इन केंद्रीय मंत्री को सदन में एक मिनट भी बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है।