राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को कांग्रेस पीएम मोदी का बोफोर्स कह चुकी है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर एक बार फिर से हमला बोला है। कांग्रेस ने दो ट्वीट करके उन पर झूठ बोलने और देश को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। इस बारे में कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @INCIndia से ट्वीट किया गया है। अपने ट्वीट में कांग्रेस ने भाजपा पर 1,30,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा है,”7 फरवरी 2018 को रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभी तक 2016 में हुई राफेल डील के लिए किसी भी भारतीय पार्टनर का चुनाव नहीं किया गया है। जबकि साल 2017 में डसॉल्ट की सालाना रिपोर्ट कहती है कि रिलायंस राफेल डील के लिए सहयोगी होगी।” कांग्रेस ने इस ट्वीट के साथ दो दस्तावेज भी दिए हैं। कांग्रेस ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा,”27 अक्टूबर 2017 को डसॉल्ट के चेयरमैन एरिक ट्रैपियर और अनिल अंबानी ने नागपुर में डसॉल्ट रिलायंस के प्लांट का शुभारंभ किया था। इस प्लांट के शुभारंभ में नितिन गडकरी और देवेद्र फड़नवीस भी मौजूद थे।”

कांग्रेस के इन आरोपों पर अभी तक बीजेपी की तरफ से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। लेकिन डसॉल्‍ट के साथ साझेदार रिलायंस डिफेंस के प्रमुख अनिल अंबानी ने जरूर राहुल गांधी को इस मामले में सफाई देने की कोशिश की थी। उन्होंने बीते 12 दिसंबर 2017 को पत्र लिखकर बताया था कि इस सौदे के लिए उनके पास पर्याप्त अनुभव और आवश्यक योग्यता है और फ्रांसीसी समूह डसॉल्ट द्वारा उनकी कंपनी को चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

अनिल अंबानी ने जानकारी दी थी कि 36 लड़ाकू विमानों का निर्माण फ्रांस में ही होगा। उनकी डिलीवरी भी डसॉल्ट के कारखाने से सीधे भारतीय वायुसेना को होगी। इसमें भारतीय कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। अंबानी ने बताया था कि डसॉल्ट से रिलायंस का करार सिर्फ इसलिए हुआ है ताकि भारत की निर्यात की प्रतिबद्धता को पूरा किया जा सके। डसॉल्ट और रिलायंस मिलकर सिर्फ रक्षा और वैमानिकी क्षेत्र के लिए कलपुर्जे और नई टेक्नोलॉजी का निर्माण करेंगे।

जबकि कांग्रेस के आरोपों पर पीएम मोदी ने संसद ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा था कि ये सौदा पूरी तरह से पारदर्शी है। ये सौदा दो देशों की सरकारों के बीच हुआ है, जिसमें किसी बाहरी तत्व या दलाली की कोई संभावना नहीं है। ये सौदा पूरी तरह से पारदर्शी है। लेकिन कांग्रेस अभी भी अपने आरोपों पर ​अडिग है कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के द्वारा तय की गई कीमतों से महंगी दरों पर राफेल विमान खरीदा है और एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाया है।