कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा के आगामी मानसून सत्र में सदन में कांग्रेस को मजबूती देने के उद्देश्य से कुछ अहम नियुक्तियां की हैं। इन्हीं में से एक है लोकसभा में विपक्ष के उपनेता के पद पर गौरव गोगोई की नियुक्ति। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी हैं और गौरव गोगोई उनके डिप्टी के तौर पर काम करेंगे।
असम की कालियाबोर लोकसभा सीट से सांसद गौरव गोगोई पूर्व सीएम तरुण गोगोई के बेटे हैं। गौरव गोगोई के लोकसभा में उपनेता का पद संभालने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह इस पद को संभाल रहे थे लेकिन उनके पंजाब का सीएम बनने के बाद से ही यह पद खाली चल रहा था। बता दें कि गौरव गोगोई ने साल 2014 में ही राजनीति में कदम रखा है और लगातार दो बार से कालियाबोर से कांग्रेस सांसद हैं।
गौरव गोगोई की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल से हुई है। उसके बाद दिल्ली की ही इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक करने के बाद गौरव गोगोई ने टेलीकॉम कंपनी एयरटेल में मार्केटिंग की जॉब भी की है। इस जॉब के बाद गौरव गोगोई दिल्ली स्थित एक एनजीओ ‘परवाह’ के साथ भी जुड़े रहे हैं।
इसके बाद गौरव गोगोई ने अमेरिका जाकर वहां की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की मास्टर डिग्री हासिल की। साल 2014 में गौरव ने ब्रिटिश मूल की एलिजाबेथ कोलेबर्न से शादी की और बीते हफ्ते ही वह एक बेटी के पिता बने हैं। गौरव गोगोई एक अच्छे वक्ता माने जाते हैं और कांग्रेस पार्टी की अगली पीढ़ी के प्रमुख चेहरों में शुमार किए जाते हैं।
गौरव गोगोई के अलावा कांग्रेस ने लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भी लोकसभा में व्हिप की जिम्मेदारी है। कांग्रेस के लोकसभा में चीफ व्हिप के सुरेश हैं। रवनीत सिंह बिट्टू और केरल से कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर उनके करीबी रहेंगे। रवनीत सिंह बिट्टू से पहले लोकसभा में व्हिप की जिम्मेदारी गौरव गोगोई ही संभाल रहे थे।
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में अहम पदों पर जो नई नियुक्तियां की हैं, उन्हें पार्टी के बागी नेताओं के लिए कड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि नियुक्ति पाने वाले गौरव गोगोई, रवनीत सिंह बिट्टू और मणिकम टैगोर युवा नेता हैं और कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर पार्टी ने यह नियुक्तियां की हैं। हालिया चिट्ठी कांड के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई नियुक्तियों के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
खास बात है कि जो नई नियुक्तियां हुई हैं, उनमें वो नेता शामिल हैं जो कांग्रेस की नई पीढ़ी के हैं और राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। बीते दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलावों और पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की थी। जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखी थी, उनमें अधिकतर वरिष्ठ नेता थे। ऐसे में चिट्ठी कांड के तुरंत बाद ही हुई इन नियुक्तियों को पार्टी में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।
