लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी का आरोप लगाया था। वोटर लिस्ट में हेराफेरी का यह विवाद केरल तक पहुंच गया है। केरल में बीजेपी के ही एक नेता के बयान के बाद कांग्रेस ने त्रिशूर लोकसभा सीट के चुनाव नतीजे पर सवाल खड़े किए हैं।
केरल में बीजेपी को सिर्फ त्रिशूर लोकसभा सीट पर ही जीत मिली थी। यहां से सुरेश गोपी चुनाव जीते थे। सुरेश गोपी मोदी सरकार में मंत्री भी हैं।
बीजेपी के किस बयान पर हुआ विवाद?
बीजेपी की केरल इकाई के उपाध्यक्ष बी. गोपालकृष्णन ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “जहां हमारी जीत की संभावनाएं होंगी हम वहां के लिए जम्मू कश्मीर से भी लोगों को लाएंगे, उन्हें 1 साल तक यहां रखेंगे और तय करेंगे कि वे वोट दें। हम भविष्य में भी ऐसा करेंगे।”
‘जब तक झूठ बोलना बंद नहीं करेंगे…’
बी. गोपालकृष्णन के बयान के बाद अच्छा-खासा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने गोपी की जीत के लिए 60 हजार फर्जी मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए। कांग्रेस ने मांग की है कि गोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने एक झूठा घोषणा पत्र दिया जिसमें यह दावा किया गया था कि वह इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6 महीने तक रहे थे।
त्रिशूर लोकसभा सीट पर इस बार 74% वोटिंग हुई जो 2019 में हुई 78% वोटिंग से कम थी और बीजेपी के उम्मीदवार गोपी यहां 74000 से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे।
बी. गोपालकृष्णन का कहना है कि त्रिशूर से अब तक कोई भी व्यक्ति ऐसी शिकायत लेकर नहीं आया है। उन्होंने कहा, “त्रिशूर के किसी भी मकान मालिक ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एक लाख से ज्यादा समर्थक भाजपा में शामिल हो गए, जिसकी वजह से कांग्रेस के वोट 2019 के 4.16 लाख से घटकर 2024 के चुनाव में 3.27 लाख रह गए। ये वोट कहां चले गए? कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा।”
वोटर लिस्ट की जांच कर रही कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि अब वह वोटर लिस्ट की जांच कर रही है जिससे वह बीजेपी के द्वारा कथित रूप से जोड़े गए फर्जी वोटर्स की पहचान कर सके। थ्रिसूर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जोसेफ ने कहा, “अब तक हमने 1,200 बूथों में से 37 की जांच कर ली है। जब हमने 2024 की वोटर लिस्ट और आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के लिए जारी नई लिस्ट की तुलना की तो कई नाम गायब मिले। हर बूथ से करीब 20-30 नाम गायब मिले हैं। ये वोटर लोकसभा चुनाव के लिए लाए गए थे और शायद स्थानीय निकाय चुनावों से पहले अपने असली पते पर लौट गए होंगे।”
‘झूठे आरोपों से नहीं डरता चुनाव आयोग’
जिला निर्वाचन अधिकारी ने नहीं दी जानकारी- कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जोड़े गए नए वोटर्स ने कौन से दस्तावेज जमा किए थे। कांग्रेस के पूर्व विधायक अनिल अक्कारा ने इस मामले में राज्य की सरकार की अगुवाई कर रही सीपीआई(एम) पर भी आरोप लगाया।
अक्कारा ने कहा कि बीजेपी और सुरेश गोपी डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे लेकिन राज्य सरकार भी ऐसा ही क्यों कर रही है। इससे जाहिर होता है कि सीपीएम सरकार भी वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाताओं को जोड़ने के काम में शामिल थी।