देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से हाल-बेहाल है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं। जिन मरीजों को बेड मिल भी जा रहे हैं उन्हें ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित होने वाले जीटीबी अस्पताल के बाहर लोग अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर मरीजों का स्ट्रेचर पर इलाज किया जा रहा है।
जीटीबी अस्पताल के कैंपस में मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। बुजुर्ग महिलाओं का इलाज बाहर ही स्ट्रेचर पर किया जा रहा है। दिल्ली में बेड की कमी को देखते हुए भारतीय सेना की तरफ से 250 बेड के अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। अस्पताल के बाहर मरीजों के लाश को रख दिया गया है। शवदाह गृह में भी जगह खत्म हो गए हैं।खबरों के अनुसार गुरुवार रात दिल्ली के दो अस्पतालों में पांच मरीजों ने अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया। जीटीबी अस्पताल के बाहर इलाज के अभाव में एक बुजर्ग महिला और एक पुरुष की मौत हो गयी।
दिल्ली सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि जो हालात हैं उसमें अस्पतालों का विश्वास हिल गया है। अस्पतालों को ऑक्सीजन देने की बात की जाती है लेकिन उन्हें ऑक्सीजन तक उपलब्ध नहीं हो रहा है।
बताते चलें कि दिल्ली के कई अस्पतालों में शुक्रवार सुबह ऑक्सीजन के स्टॉक खत्म होने की बात भी कही जा रही थी। अंतिम समय में अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया गया था। सर गंगाराम अस्पताल, मैक्स अस्पताल की तरफ से ट्वीट कर ऑक्सीजन संकट की जानकारी दी गयी थी।
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कुल 26,169 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 306 लोगों की मौत हुई है। अब तक दिल्ली में कोरोना से 13,193 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 91,618 एक्टिव केस है। वहीं देश में लगातार दूसरे दिन 3 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। हर दिन 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है।
