Supreme Court Reprimands Odisha Government: सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी विधायक द्वारा महिला पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारने के मामले में ओडिशा सरकार को जमकर फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार बदलने से किसी अधिकारी की वर्दी का रंग नहीं बदलता है। आरोपी भाजपा विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा सरकार को इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि बीजेपी नीत राज्य सरकार इस पूरे मामले में नरम रुख अपनाए है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई की और जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना को देखते हुए मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

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सुनवाई के दौरान ओडिशा राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता समापिका बिस्वाल ने दलील दी कि कोर्ट मिश्रा से केवल जांच में सहयोग करने के लिए कह सकता है। इस पर सुनवाई करते हुए पीठ ने पाया कि मिश्रा को रियायत दी जा रही है और इस रुख की निंदा की।

कोर्ट ने राज्य की ओर से पहले दायर जवाबी हलफनामे को देखा, जब बीजू जनता दल ने ओडिशा में सरकार बनाई थी, जिसमें अग्रिम जमानत देने का विरोध किया गया था और मिश्रा के पिछले इतिहास का विवरण दिया गया था। संदर्भ के लिए ओडिशा सरकार में तब बदलाव हुआ, जब भाजपा ने 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल को हराया और ओडिशा में सरकार बनाई।

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राज्य सरकार के वकील की दलील से निराश होकर जस्टिस भट्टी ने बिस्वाल से पूछा, “क्या हम इसे ओडिशा राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए आपके द्वारा दी गई रियायत के रूप में मान सकते हैं?” जस्टिस रॉय ने अपनी ओर से सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार बदलने पर पुलिस अधिकारी की वर्दी का रंग नहीं बदलता है।

बता दें, यह पूरा घटनाक्रम साल 2023 का है, आरोप है कि जब एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी विधायक ने महिला पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मार दिया था। हालांकि, इस पूरे मामले में दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी बीजेपी विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।