केंद्र के तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस मुद्दें पर किसान नेताओं और सरकार के बीच कई चरण में बातचीत हो चुकी मगर कोई हल नहीं निकला। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनी की आड़ में किसानों से दो करोड़ रुपए की उपज छीन ली गई। उन्होंने ट्वीट कर कहा- जब सरकार किसानों को नए काले कृषि कानूनों के फायदे बताने में व्यस्त है, उसी दौरान MP के 22 किसानों की लगभग दो करोड़ रुपए की उपज इन तीन नए काले कानूनों की आड़ में किसानों से हड़प ली गई।

कभी टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा से पांच ट्रिलियन में ‘कितने जीरो’ सवाल पूछकर सुर्खियों में आए कांग्रेस प्रवक्ता ने एक न्यूज वीडियो भी शेयर किया है। इसमें उन्होंने CNN News18 की एंकर के एक सवाल पर कहा- हरदा के देवास में व्यापारियों ने 22 किसानों के साथ फसल का समझौता किया। समझौते की रकम कोई छोटी रकम नहीं थी बल्कि दो करोड़ की बड़ी रकम थी। मगर व्यापारी फसल का भुगतान किए बिना ही फरार हो गए। किसानों से मूंग-चना के लिए दो करोड़ रुपए का समझौता हुआ था। इसके लिए उन्होंने केंद्र के कृषि कानूनों को जिम्मेदार माना।

इधर अन्नदाताओं का दावा है कि करीब 150 किसानों के साथ इस तरह की घटना हुई है। किसानों को इस मामले में शक तब हुआ जब ट्रेडर्स द्वारा दिया गया चेक ही बाउंस कर गया। ट्रेडर्स ने उन्हें मंडी रेट से 700 रुपए कुंतल अधिक दाम देने की बात कही थी। डिबेट में कांग्रेस नेता ने सरकारी मंडियों की सिकुड़ती संख्या पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा- सिर्फ एमपी में ही 269 सरकारी कृषि उपज मंडी थी, मगर पिछले छह महीने में 47 मंडी स्थाई रूप से बंद कर दी गईं। 143 सरकारी मंडियों में पचास फीसदी लेन-देन कम हुआ है।

इधर सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता से पहले अपने रुख को और सख्त करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों ने शनिवार को कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा, तब दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी। उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन राष्ट्रीय राजधानी में होंगे और गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाली परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।