Janardhan Koushik

कक्षा 6 की परीक्षा में कथित तौर पर दलितों और मुसलमानों से जुड़े विवादास्पद सवालों वाले प्रश्नपत्र पर तमिलनाडु में बड़ा विवाद हो गया है। कई राजनेताओं ने धर्म और जाति से जुड़ी रूढ़िबद्ध धारणाओं पर आधारित सवालों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। ‘प्रश्नपत्र’ की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि राज्य के किस स्कूल में ये सवाल पूछे गए। डीएमके प्रमुख स्टालिन से लेकर एआईएमआईएम चीफ ओवैसी तक ने नाराजगी जाहिर की है।

प्रश्नपत्र में कई बहुविकल्पीय सवाल पूछे गए हैं। इसमें से एक में पूछा गया है कि ‘दलित’ का क्या मतलब है? जवाब के तौर पर विदेशी, अछूत, अगड़ी जाति, मध्यम वर्ग का विकल्प दिया गया है। आलोचना करने वाले नेताओं में स्टालिन और ओवैसी के अलावा, राज्यसभा सांसद वाइको, एएमएमके जनरल सेक्रेटरी टीटीवी दिनाकरन और सीपीएम नेता कनागराज आदि भी शामिल हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय केा टैग करते हुए स्टालिन ने ट्वीट किया, ‘यह देखकर हैरान हूं कि कैसे केवी के क्लास 6 की परीक्षा में ऐसे सवाल पूछे गए हैं जो जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक बंटवारे को बढ़ावा देते हैं। ऐसा प्रश्नपत्र बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।’

हालाकि, केंद्रीय विद्यालय ने आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह उसका प्रश्नपत्र नहीं है।  केंद्रीय विद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह प्रश्नपत्र तमिलनाडु या पुदुचेरी के किसी स्कूल का है और उससे जुड़े किसी भी संस्थान में यह प्रश्नपत्र परीक्षा में नहीं दिया गया।

 

वायरल हुए प्रश्नपत्र में एक अन्य सवाल है जिसमें पूछा गया है कि मुसलमानों के खिलाफ आम तौर पर कौन सी रूढ़िबद्ध धारणाएं व्याप्त हैं? विकल्प के तौर पर ये जवाब सुझाए गए हैं, मुसलमान अपनी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते, वे पूरी तरह शाकाहारी होते हैं, वह रोजे के वक्त जरा सा भी नहीं सोते या इनमें से सभी। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या छठवीं के बच्चों से पूछा जाएगा कि मुसलमानों के खिलाफ ऐसी धारणा किसने बनाई? उनके खिलाफ व्यापक पैमाने पर हिंसा की इजाजत किसने दी?