सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अपने तेवरों के लिए जाने जाते हैं। आज भी उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसके लिए वो मशहूर हैं। आर्टिकल 370 की सुनवाई को उन्होंने कुछ देर के लिए एक एडवोकेट की दरख्वास्त पर नजर डालने के लिए रुकवा दिया। संवैधानिक बेंच में बैठे दो जजों को तत्काल प्रभाव से एडवोकेट की याचिका पर सुनवाई करने को कहा। जब दोनों जजों ने सुनवाई पूरी कर ली तो फिर से 370 की सुनवाई शुरू की गई।

दरअसल, मामला हरियाणा के नूंह से जुड़ा है। पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला के वकील सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से नूंह मामले की तुरंत सुनवाई के लिए अपील की। वो पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस की कोर्ट में गए। जस्टिस ने उनको सलाह दी कि तुरंत सुनवाई करवानी है तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से संपर्क करो। सीयू सिंह सुबह के सत्र में सीजेआई के सामने गए और उनसे दरख्वास्त की।

एडवोकेट को दूसरी बार देखकर सीजेआई ने तुरंत नूंह मामले पर नजर डाली

सीयू सिंह की अपील थी कि सुप्रीम कोर्ट तुरंत मामले की सुनवाई करे। दरख्वास्त पूरी नहीं हो पाई तो वो लंच टाइम के तुरंत बाद सीजेआई के सामने पेश हुए। सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच सुबह से ही आर्टिकल 370 पर सुनवाई कर रही थी। लेकिन वकील की दरख्वास्त और मामले की गंभीरता को देख सीजेआई तुरंत अपने चेंबर में चले गए।

पांच जजों की संवैधानिक बेंच में शामिल थे जस्टिस खन्ना

चंद्रचूड़ ने वकील की दरख्वास्त को देखने के साथ मामले से जुड़े दस्तावेजों पर नजर डाली। उन्हें लगा कि मामला गंभीर है। तुरंत दो जजों की स्पेशल बेंच बनाई और सीयू सिंह की याचिका पर सुनवाई करने को कहा। खास बात है कि जो बेंच बनाई उसमें जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल थे। जस्टिस खन्ना उस संवैधानिक बेंच का हिस्सा थे जो आर्टिकल 370 पर सुनवाई कर रही थी।

20 मिनट तक रुकी रही आर्टिकल 370 पर सुनवाई

दो जजों की स्पेशल बेंच ने दो बजे से नूंह मामले की सुनवाई शुरू की। ये 2.15 बजे तक चली। उस दौरान तक संवैधानिक बेंच की सुनवाई रुकी रही। 2.20 पर आर्टिकल 370 पर सुनवाई तभी शुरू हो सकी जब जस्टिस संजीव खन्ना ने नूंह मामले पर सुनवाई पूरी कर ली। स्पेशल बेंच में उनके साथ जस्टिस एसवीएन भट्टी भी शामिल थे।

जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली स्पेशल बेंच ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने, हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की मौत हो जाने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने का भी आदेश दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने विहिप और बजरंग दल के मार्च पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन नफरती भाषण से माहौल खराब होने का जिक्र करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी अदेश दिया।