कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच ट्विटर वार छिड़ गया है। प्रियंका गांधी को दिल्ली में अलॉट किए गए सरकारी बंगले को खाली करने के आदेश को लेकर दोनों को बीच ट्विटर वॉर हुआ। हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि कांग्रेस के एक कद्दावर नेता का उनके पास फोन आया था जबकि प्रियंका गांधी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने एक खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया है कि यह फेक न्यूज है , मैंने सरकार से बंगला खाली ना करने को लेकर कोई गुजारिश नहीं की थी। बंगला खाली करने को लेकर मुझे एक जुलाई को पत्र मिला था। मैं एक अगस्त तक बंगला खाली कर दूंगी। जबकि खबर में कहा गया था कि प्रियंका ने सरकारी बंगले में कुछ समय तक और रहने की इजाजत मांगी है।
Facts speak for themselves!
A powerful Congress leader with much clout in the Party called me on 4 July 2020 at 12:05 pm to request that 35, Lodhi Estate be allotted to another INC MP so that Priyanka Vadra can stay on.
Let’s not sensationalise everything please. https://t.co/n1RQr6SGm6
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 14, 2020
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट पर हरदीप सिंह पुरी ने जवाब देते हुए लिखा है, ” तथ्य खुद बोल देते हैं, 4 जुलाई की दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर एक ताकतवर कांग्रेसी नेता का मेरे पास फोन आया था। उन्होंने कहा, “मुझसे रिक्वेस्ट की गई कि 35, लोधी एस्टेट किसी और कांग्रेस सांसद को अलॉट कर दिया जाए ताकि प्रियंका वाड्रा रह सकें। हर चीज को सेंशनलाइज मत कीजिए”
क्या है मामला: आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने पिछले हफ्ते प्रियंका वाड्रा को 1 अगस्त से पहले सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया था। उनकी (एसपीजी) सुरक्षा कवर वापस ले ली गई थी। प्रियंका और उनके परिवार को 1997 में टाइप 6 बी बंगला आवंटित किया गया था क्योंकि इन लोगों को एसपीजी सुरक्षा प्राप्त थी।
पिछले साल नवंबर में, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के लिए सुरक्षा एजेंसियों के खतरे के आकलन के आधार पर सुरक्षा कवर को घटा दिया था। बता दें कि 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से तीनों एसपीजी कवर के तहत थे।