नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के खिलाफ पूर्वोत्तर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए कई निजी एयरलाइनों ने कोलकाता से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में जानेवाली उड़ानों को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कोलकाता हवाईअड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी ने ऐसा नहीं किया है बल्कि कुछ निजी परिचालकों ने असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में जाने वाली उड़ानें बृहस्पतिवार को रद्द कर दी।
नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के खिलाफ पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के डिब्रूगढ़ स्थित आवास पर बुधवार की रात पथराव किया गया। असम में जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने कहा कि मैं असम के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस बिल के पास होने पर उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपकी पहचान, अधिकार और संस्कृति के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जायेगा।
Assam: Bus torched by protesters, near Janta Bhawan in Dispur, against #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/yUAkYPjWtk
— ANI (@ANI) December 11, 2019
वहीं पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों का एक समूह नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने विधेयक पर सरकार की आलोचना की और ‘हम नागरिकता संशोधन विधेयक का करते हैं विरोध’, ‘हमें चाहिए न्याय’ जैसे नारे लगाए। विधेयक के खिलाफ असम में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है और राज्य सचिवालय के निकट छात्रों के एक बड़े समूह और पुलिस के बीच बुधवार (11 दिसंबर) को झड़प हुई। सभी दिशाओं से बड़ी संख्या में छात्रों को सचिवालय की ओर बढ़ते देखा गया। वहीं एक अन्य समूह गणेशगुरी क्षेत्र तक पहुंच गया जिससे सचिवालय सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है।
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (11 दिसंबर) को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं।
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माकपा और भाकपा सहित अन्य सभी वामदलों ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में 19 दिसंबर को देशभर में साझा प्रदर्शन करेगा।जारी बयान के अनुसार संसद से पारित सीएबी को संविधान की मूलभावना के विरोधाभासी मानते हुए वामपंथी दलों ने इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है।
असम में जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने कहा कि मैं असम के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस बिल के पास होने पर उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपकी पहचान, अधिकार और संस्कृति के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जायेगा।
Assam, Citizenship Amendment Bill (CAB) Protest: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के खिलाफ पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के डिब्रूगढ़ स्थित आवास पर बुधवार की रात पथराव किया गया।
राज्यसभा में बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर चर्चा के दौरान शिवसेना ने भाजपा पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि ‘‘हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। आप जिस स्कूल में पढ़ रहे हो, हम वहां के हेडमास्टर हैं।’’उच्च सदन में सीएबी पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि जो इस विधेयक का विरोध कर रहा है वह ‘‘देशद्रोही’’ है और जो इसका समर्थन कर रहा है वह ‘‘देशभक्त’’ है।
CAB: असम के लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और असम के कामरूप जिलों में आज शाम 7 बजे से 7 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया। यहां कैब के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहा है।
विपक्ष ने बुधवार (11 दिसंबर) को आरोप लगाया कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ‘फील गुड’ तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है लेकिन गरीबी, बेरोजगारी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित अनेक मोर्चों पर भारतीय अर्थव्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि भाजपा ने जोर दिया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले पांच वर्ष से अधिक समय में उज्ज्वला, आयुष्मान, आवास योजना सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से न केवल लोगों के सशक्तीकरण का काम किया बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल की।
दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा मुख्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए अवरोधक लगा रखे थे। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि यह विधेयक भाजपा की ‘विभाजनकारी चाल’ है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार (11 दिसंबर) को उम्मीद जताई कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए वे विपक्षी दल उच्च सदन में इस विधेयक के खिलाफ वोट करेंगे। उन्होंने इनके बारे में कहा जिन्होंने लोकसभा में इसके पक्ष में वोट किया था।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर उच्च सदन में लोकसभा से भिन्न स्थिति होने का हवाला देते हुये बुधवार (11 दिसंबर) को कहा कि सरकार को इस विधेयक पर उनकी पार्टी से समर्थन की अपेक्षा करने से पहले उनके सवालों का जवाब देना होगा। यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश होने वाला है। शिवसेना ने लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन किया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार (10 दिसंबर) को आरोप लगाया कि 'मोदी-शाह सरकार' नागरिकता संशोधन विधेयक के माध्यम से पूर्वोत्तर के नस्लीय सफाये का प्रयास कर रही है। उन्होंने विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर में प्रदर्शन होने से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए यह भी कहा कि वह पूर्वोत्तर की जनता के साथ मजबूती से खड़े हैं।
लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) की निंदा की। पार्टी ने जदयू के इसका समर्थन किए जाने पर मंगलवार (10 दिसंबर) को उनपर अपने लिए ‘ताबूत में कील ठोकने' का काम करने का आरोप लगाया। राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुले अधिवेशन में पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि विधेयक ने संविधान की प्रस्तावना 'वी द पीपुल' को 'वी द हिंदू' के रूप में व्याख्या करनी चाही है और इसे संसद में पेश किया जाना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक 'काले दिन' के रूप में माना गया है।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार (10 दिसंबर) को प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर अफवाह न फैलाए। विधेयक के खिलाफ करीब 20 संगठनों की ओर से आहूत दिनभर की हड़ताल के चलते राज्य में जनजीवन प्रभावित हुआ। सोनोवाल ने यहाँ एक कार्यक्रम में कहा कि किसी को भी ‘‘विभाजनकारी ताकतों’’ को राज्य को अस्थिर नहीं करने देना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार (10 दिसंबर) को कहा कि शिवसेना राज्यसभा में तब तक नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन नहीं करेगी, जब तक कि पार्टी द्वारा लोकसभा में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं मिल जाता। लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित कर दिया है, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘प्रतिगामी एवं पक्षपातपूर्ण’ बताया और इसे नई दिल्ली का पड़ोसी देशों के मामलों में ‘दखल’ का ‘दुर्भावनापूर्ण इरादा’ बताया। सोमवार (09 दिसंबर) की देर रात लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंजूरी दे दी जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए उन गैर-मुसलमानों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विधेयक की कड़ी निंदा की है।
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कई पूर्वोत्तर राज्यों के विपरीत, सिक्किम को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के दायरे से बाहर नहीं रखे जाने पर मंगलवार को निराशा जाहिर की। ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ के कार्यकारी अध्यक्ष भूटिया ने इस बात को लेकर डर जताया कि इस विधेयक के कारण हिमालय राज्य को मिलने वाले विशेष प्रावधान कमजोर पड़ सकते हैं, जो उसे संविधान के अनुच्छेद 371एफ के तहत हासिल है। उन्होंने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा नीत सरकार से ‘इनर लाइन परमिट’ को लागू करने का दबाव बनाने और विधेयक पारित करने के विरोध में राजग का साथ छोड़ने को कहा।
लोकसभा में नागरिकता संशोधन पारित होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार (10 दिसंबर) को दावा किया कि यह विधेयक संविधान पर हमला है और इसका समर्थन करना भारत की बुनियाद को नष्ट करने का प्रयास होगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान पर हमला है। जो कोई भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश की बुनियाद पर हमला और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।’
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने का मंगलवार (10 दिसंबर) को स्वागत किया। ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘केंद्र की मोदी सरकार भेदभाव से ऊपर उठकर सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली सरकार है। इसका ताजा उदाहरण ‘नागरिकता संशोधन विधेयक विधेयक, 2019’ है । देवभूमि हिमाचल की ओर से केन्द्र सरकार एवं सदन के सभी सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन।’
नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध पूरे देश में हो रहा है। इसके चलते जगह जगह पर हिंसक वारदात भी हो रहे हैं। असम में इसके खिलाफ आज बंद बुलाया गया है। वहीं लेफ्ट भी इसको लेकर अपना विरोध दर्ज किया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार (10 दिसंबर) को कहा कि इस 'असंवैधानिक' विधेयक पर लड़ाई उच्चतम न्यायालय में लड़ी जाएगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक असंवैधानिक है। संसद ने उस विधेयक को पारित किया जो असंवैधानिक है और अब लड़ाई उच्चतम न्यायालय में होगी।'
नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद अमेरिका ने भी इस पर चिंता जाहिर की है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’’ है और यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।यूएससीआईआरएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है।
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में डिब्रूगढ़ के लोग भी प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि यह बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। इसके पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 80 वोट डाले गए।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय ने मंगलवार को होने वाली सभी परीक्षाएं टाल दी हैं। यह विधेयक अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में लागू नहीं होगा, जहां आईएलपी व्यवस्था है। इसके साथ ही संविधान की छठी अनुसूची के तहत शासित होने वाले असम, मेघालय और त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्र भी इसके दायरे से बाहर होंगे।
इस विधेयक के खिलाफ कांग्रेस, एआईयूडीएफ, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन, खासी स्टूडेंट्स यूनियन और नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन जैसे संगठन बंद का समर्थन करने के लिए एनईएसओ के साथ हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार रात पास हो गया। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के बाद इसके पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े, जिसके बाद इस बिल को निचले सदन की मंजूरी मिल गई।