नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास होने के बाद अब राज्यसभा में पेश किया गया है। इस बिल को लेकर पूर्वोत्तर में विरोध बढ़ता ही जा रहा है। लोगों द्वारा विरोध को देखते हुए असम और त्रिपुरा में सेना तैनात कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के बवाल को देखते हुए सेना बुलाई गई है और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया गया है। यह नहीं असम के 10 जिलों में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है।
इससे पहले खबर थी कि राज्य के कंचनपुर और मनु क्षेत्रों में सेना का दो कॉलम भेजा गया है। जबकि एक तिहाई असम के बोंगांग में तैनात किया गया है। बीती शाम त्रिपुरा में एसएमसएस और इंटरनेट की सेवा पर भी रोक लगा दी गई है।
बता दें कि एक कॉलम में 70 सैनिक होते हैं और इनमें एक और दो अधिकारी शामिल होते हैं। नागरिकता बिल को लेकर नॉर्थ ईस्ट में हिंसक झड़पों के देखते हुए सेना को बुलाया गया है। मंगलवार को कई छात्र संगठनों ने नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में बंद बुलाया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों के साथ प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत भी हो गई थी। असम में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी विधायक के के सामने भी नारेबाजी की थी।
गौरतलब है कि राज्यसभा की वर्तमान संख्या 238 है। उच्च सदन में भाजपा के 83 सांसद हैं और पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में 122 सदस्य पहले से ही सीएबी का समर्थन कर रहे हैं और पार्टी को उम्मीद है कि अधिक दल उनके साथ जुड़ेंगे। अपने पिछले कार्यकाल में, सरकार संख्या की कमी के कारण राज्य सभा में विधेयक को आगे नहीं बढ़ा सकी।