महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस ऑफिसर अब्दुर्रहमान ने बुधवार (11 दिसंबर, 2019) को नागरिकता संशोधन बिल, 2019 राज्यसभा में पास होने के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ने कहा कि सांप्रदायिक और असंवैधानिक” नागरिकता (संशोधन) विधेयक” के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। मुंबई में विशेष पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में तैनात अब्दुर्रहमान ने बयान जारी कर कहा कि वह गुरुवार यानी आज से कार्यालय नहीं जाएंगे। अब्दुर्रहमान ने कहा, “यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।”
एक ट्वीट में अब्दुर्रहमान ने लिखा कि उन्होंने वीआरएस की मांग की थी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने वीआरएस के लिए एक अगस्त 2019 को आवेदन किया था। 25 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मेरे वीआरएस की सिफारिश भेजी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया।’
उन्होंने कहा कि ‘मेरे खिलाफ कोई विभागीय जांच भी नहीं लंबित है। गृह मंत्रालय ने जल्दबाजी में मेरे वीआरएस के आवेदन को रद्द किया है।’ हालांकि सूत्रों का कहना है कि अब्दुर्रहमान के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और वो पहले भी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं। अब्दुर्रहमान ने अपने आवेदन में भी अंदर लिखा है कि वो निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने बिल को लेकर कहा कि, यह स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोगों के खिलाफ भेदभाव करता है। बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और कानून के समानता के अधिकार के खिलाफ है। विधेयक के पीछे का पूरा विचार देश को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है। यह मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोगों में भय पैदा करता है। यह मुसलमानों को अपना विश्वास छोड़ने और अपनी नागरिकता बचाने के लिए कुछ अन्य धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर करता है। भारतीय पुलिस सेवा के महाराष्ट्रा कैडर के अधिकारी अब्दुर्रहमान पिछले 21 साल से राज्य में सेवा दे रहे हैं।
This Bill is against the religious pluralism of India. I request all justice loving people to oppose the bill in a democratic manner. It runs against the very basic feature of the Constitution. @ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/1ljyxp585B
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
अपने इस्तीफे के आखिर में उन्होंने लिखा, ‘मैं गरीब परिवार से आने वाले वंचित तबको अर्थात एससी, एसटी ओबीसी और मुस्लिमों से अपील करता हूं कि वो लोकतांत्रिक तरीकों से बिल का विरोध करें। इसके अलावा में इंसाफ पंसद और धर्मनिरपेक्ष हिंदुओ भाईयों से अपील करता हूं कि वो भी बिल का विरोध करें। इसके अलावा मैं कार्यकर्ताओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों से भी अपील करता हूं कि वो बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएं।’
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। (एजेंसी इनपुट)