केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA)- 2019 लागू करने की घोषणा की। केंद्र के इस कदम के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा CAA लागू किए जाने के बाद दिल्ली के अनेक हिस्सों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शहर के उत्तर पूर्वी भाग में शाहीन बाग, जामिया नगर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बल फ्लैग मार्च कर रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू किये जाने के कुछ घंटों बाद सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसके कारण परिसर में भारी पुलिस तैनात किया गया। जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के बाहर दिल्ली पुलिस और RAF की तैनाती की गई। मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) की अगुवाई में विद्यार्थियों के एक समूह ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।

जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर कड़ी सुरक्षा

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने भी सीएए लागू किये जाने का विरोध किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिसर के बाहर भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए जामिया परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जामिया के कार्यवाहक कुलपति इकबाल हुसैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”हमने परिसर में किसी भी तरह के आंदोलन को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। परिसर के पास विद्यार्थियों या बाहरी लोगों को सीएए के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें विद्यार्थियों का एक समूह पोस्टर और बैनर लेकर जामिया परिसर में सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के खिलाफ नारेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है। एनएसयूआई की जामिया इकाई ने एक बयान में कहा, ”एनएसयूआई जामिया मिलिया इस्लामिया असंवैधानिक सीएए को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जताता है।”

असम में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

वहीं, असम में विपक्षी दलों ने सीएए-2019 लागू करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। राज्यभर में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वहीं, 16 दल वाले संयुक्त विपक्षी मंच, असम (यूओएफए) ने मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा भी की है। एएएसयू और 30 गैर-राजनीतिक संगठनों ने गुवाहाटी, कामरूप, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में अधिनियम की प्रतियां जलाईं और विरोध रैलियां निकालीं।

कांग्रेस नेता और असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने सीएए की अधिसूचना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। सैकिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा 2016 से कह रहे थे कि सभी अवैध विदेशियों को असम छोड़ना होगा लेकिन उन्होंने राज्य के लोगों को धोखा दिया और सीएए लेकर आये।’’ उन्होंने कहा कि असम की जनता इसके लिए प्रधानमंत्री और भाजपा को जवाबदेह ठहराएगी। रायजोर दल के अध्यक्ष और विधायक अखिल गोगोई ने कहा, ‘‘असम में अवैध रूप से रह रहे 15-20 लाख बांग्लादेशी हिंदुओं को वैध बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस असंवैधानिक कृत्य के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।’’

दिल्ली में कड़ी सुरक्षा

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित हुआ था। इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग इलाकों में 2019-20 में कई महीने तक सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे। उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 की शुरुआत में इस कानून को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी देखी गईं जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा घायल हो गए।

केंद्र सरकार ने सोमवार को सीएए के नियमों की अधिसूचना जारी कर दी। इसके मद्देनजर पुलिस ने उत्तर पूर्व जिले में 43 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है। इनमें सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, खजूरी खास और सीमापुरी शामिल हैं। पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) जॉय टिर्की ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल कड़ी नजर रख रहे हैं। हमने उत्तर पूर्व दिल्ली में 43 संवेदनशील स्थानों की पहचान की है और इन स्थानों पर रात में गश्त अपेक्षाकृत बढ़ा दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले में हर व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है।

नोएडा में मुस्तैद पुलिस

अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और इन इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस सभी धर्म गुरुओं के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है, कई जगह पर सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

नोएडा जोन के डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। शहर को ‘जोन’ और ‘सुपरजोन’ में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए दो दल गठित किए गए हैं और अगर किसी ने माहौल खराब करने वाला वीडियो साझा किया और ऐसी टिप्पणी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिश्रा ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।