भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि चीनी मीडिया किसानों के आंदोलन को विकृत कर रहा है। उनका कहना है कि I&B मंत्रालय को चाहिए कि चीनी मीडिया को बेअसर करने की दिशा में काम करे। बकौल स्वामी, हमारे पड़ोस में चीनी मीडिया का प्रभाव काफी ज्यादा है। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए।
किसान आंदोलन में चीन और पाकिस्तान के दखल के आरोप सरकार की तरफ से भी लगते रहे हैं। आंदोलन को लेकर सरकार कई बार कह चुकी है कि रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग जैसी हस्तियों का ट्वीट करना अंतरराष्ट्रीय साजिश है। सरकार ने ट्विटर को भी कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म से उन ट्वीट्स को हटाने के लिए कहा गया है जो संदिग्ध दिखे हैं। इसके लिए बाकायदा एक लिस्ट ट्विटर को भेजी गई है। सरकार का दावा है कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की पटकथा अंतरराष्ट्रीय दखल के बाद ही तैयार की गई थी।
Chinese media are distorting the farmers agitation. Our I&B Ministry should see that it is effectively countered since Chinese media influence in our neighbourhood is considerable now.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 13, 2021
सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले कहा था कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं से पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की छवि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस घटना से देश की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। उनका कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी चूक हुई है और हो सकता है कि चीन मार्च से मई के दौरान भारत में बड़ी साजिश को अंजाम दे। अगर सरकार चौकस नहीं रही तो देश को बड़ा खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है।
तब उन्होंने यह भी कहा था कि हिंसक घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने भी अपना सम्मान खो दिया है। उन्होंने इसके लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा था। उन्होंने इस घटना को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। उनका कहना था कि सरकार को गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रखनी चाहिए थी। जब पहले से पता था कि किसान दिल्ली में ट्रैक्टर लेकर आने वाले हैं तो पहले से एहतियात बरतनी थी। पहले से ही इस तरह के इंतजाम सरकार को करने थे कि किसान लाल संवेदनशील जगहों पर न पहुंच सकें।