चीन के भारतीय सीमा के काफी नजदीक अपने लड़ाकू विमानों को भेजने की हरकत जून के अंतिम सप्ताह में सामने आई है। चीनी लड़ाकू विमानों को ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर पर LAC के काफी नजदीक देखा गया। इसके साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात राडार द्वारा भी पकड़ा गया। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने भी मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार तेजी से प्रतिक्रिया दी।
हालांकि,भारत की वॉर्निंग के बाद यह एयरक्राफ्ट वापस चला गया था। भारत ने इस घटना को लेकर चीन के सामने कड़ा ऐतराज जताया है। जानकारी के मुताबिक चीन का एयरक्राफ्ट LAC पर तैनात भारतीय जवानों की पोजिशंस के बहुत नजदीक आ गया था। चीनी एयरक्राफ्ट नजर आते ही इंडियन एयरफोर्स अलर्ट हो गई। एयरफोर्स ने इसे घुसपैठ मानते हुए जवाबी एक्शन की तैयारी भी कर ली थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इसके बाद ऐसी किसी भी घटना से निपटने के लिए मिलिट्री सिस्टम को सक्रिय कर दिया था।
गलवान घाटी हिंसा-
जून 2020 को गलवान घाटी पर चीन और भारत के सैनिक आपस में भिड़ गए थे। इस खूनी झड़प में जहां भारत के 20 सैनिकों की जान गई थी, वहीं चीन की तरफ से भी कई के मारे जाने की खबर थी। हालांकि चीन ने कभी अपने मृत और घायल सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया था। रूस की तास (TASS) न्यूज एजेंसी ने कहा था कि उस मुठभेड़ में चीन के कम से कम 45 सैनिकों की मौत हुई थी।
तास ने भारत-चीन के बीच जारी सैनिकों के पीछे हटने की बातचीत पर जो रिपोर्ट निकाली थी, उसमें कहा गया था कि मई और जून में दोनों देशों की सेनाएं भिड़ीं और इसमें भारत के 20 सैनिक और चीन के 45 जवानों की जान गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना के बाद ही दिल्ली और बीजिंग ने क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ा ली थी और दोनों तरफ 50-50 हजार सैनिक जुटा लिए गए थे।