लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत से जारी तनाव के बीच चीन ने एक बार फिर गलवान घाटी पर दावा किया है। चीन ने शुक्रवार देर रात बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना ने 15-16 जून की दरमियानी रात को एलएसी पार की और चीनी सैनिकों पर हमला किया। चीन ने दावा किया है कि 6 जून को हुई मेजर-जनरल स्तर की बैठक में भारत ने वादा किया था कि वह गलवान नदी को पैट्रोलिंग के लिए पार नहीं करेगी और दोनों देश कमांडर स्तर पर चर्चा के बाद इन इलाकों से अपनी सेनाओं को वापस बुलाएंगे।
चीन ने दिल्ली स्थित दूतावास के जरिए जारी बयान में कहा है कि आश्चर्यजनक रूप से 15 जून की रात को भारत की फ्रंटलाइन टुकड़ियां उस समझौते को तोड़ कर एलएसी पार कर चीन की सीमा में चली आईं। वह भी ऐसे समय में जब गलवान घाटी में हालात संभल रहे थे। इसी समय उन्होंने गलवान में समझौते के लिए मौजूद चीनी अफसरों और सैनिकों पर हमला किया, जिससे दोनों सेनाओं के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई और कई लोगों की जान गई। चीन ने कहा है कि भारतीय सेना की इस हरकत से सीमा पर स्थिरता को चोट पहुंची है।
भारतीय सेना का वो बाहुबली, जिसने 1300 सैनिकों को किया था ढेर
गौरतलब है कि 15 जून को हुई हिंसा के बाद चीन ने पहली बार पूरी गलवान घाटी पर अपनी स्वायत्ता बताई है, जबकि भारत पहले ही उसे बेवजह के दावे न करने की हिदायत दे चुका है। चीन का कहना है कि उसकी सीमाई टुकड़ियां काफी समय से इस क्षेत्र में गश्त कर रही थीं।
बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं 15 जून की रात को गलवान घाटी में ही आपस में उलझ गई थीं। दोनों के जवानों ने गोलियां नहीं चलाईं, लेकिन हाथापाई और नुकीले हथियारों के इस्तेमाल से ही दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए। जहां भारतीय सेना 20 जवानों के शहीद होने की बात कबूल चुकी है, वहीं चीनी सेना ने यह तो माना है कि मुठभेड़ में उसके जवान मारे गए, लेकिन उसने जवानों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।