जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केपी गर्ग के उस वक्त पसीने छूट गए जब महिलाओं ने उन्हें उनके दफ्तर में जा घेरा और खूब खरी-खोटी सुनाई। ये महिलाएं अस्पताल के महिला वार्ड में दाखिल एक दस साल की बच्ची के साथ बलात्कार के खिलाफ आक्रोश जता रही थीं।
जानकारी के मुताबिक, जिला अस्पताल के महिला वार्ड में एक दस साल की बच्ची पिछले तीन माह से भर्ती है। इसे रेलवे स्टेशन से घायल अवस्था में लाया गया था। तीन दिन पहले दो नौजवान इस अनाथ बच्ची को बहला-फुसलाकर अस्पताल के लॉन में ले गए और बलात्कार किया। रोती-बिलखती बच्ची अपने बिस्तर पर आकर लेट गई। किसी सुरक्षा कर्मी, नर्स या डाक्टर ने बालिका की सुध नहीं ली। अगले दिन दरिंदे इस बच्ची के पास फिर आए। तभी बच्ची चीख उठी। वार्ड में हंगामा मचा तब असलम नाम के दरिंदे को मौके पर ही धर दबोचा गया। सब कुछ घट जाने के 36 घंटे बाद पीड़ित बच्ची का इलाज कर रहे डाक्टर लाल सिंह ने अपने अधिकारी डॉक्टर गर्ग को सूचना दी तब दरिंदे असलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। असलम अब पुलिस की गिरफ्त में है।
जिला अस्पताल की लापरवाही पर जब शहर में कई सवाल खड़े हुए तो भाजपा की महिला मोर्चा की एक दजर्न महिलाएं अस्पताल पहुंचीं। महिलाओं ने सीएमएस डाक्टर केपी गर्ग को जा घेरा। महिलाओं के आक्रामक तेवर देख डॉक्टर गर्ग बुरी तरह घबरा गए और फूट-फूट कर रोने लगे। आनन-फानन में अस्पताल की एक नर्स, एक सफाईकर्मी और एक सुरक्षाकर्मी को बर्खास्त कर दिया गया। डॉक्टर गर्ग ने अपने चार चिकित्सकों की एक टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दे डाले। मामले को तूल पकड़ते देख कलक्टर राजेश कुमार ने मजिस्ट्रेटी जांच कराने का एलान कर दिया है।