P Chidambaram INX Media Case Highlights: आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में मुख्यारोपी, पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम बुधवार (21 अगस्त, 2019) रात हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच गिरफ्तार कर लिए गए। सीबीआई, ईडी और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम उनके घर में दीवार फांद कर घुसी और रात करीब 10 बजे वहां से सीबीआई मुख्यालय ले गई, जबकि गुरुवार (22 अगस्त, 2019) को सीबीआई अधिकारियों ने दोपहर करीब दो बजे तक उनसे पूछताछ खत्म कर ली।
इससे पहले, चिदंबरम बुधवार की शाम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने रात सवा आठ बजे मीडिया को संबोधित किया। उसी बीच, दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की भी खबर आई है, जबकि कुछ देर पहले, चिंदबरम ने पार्टी नेता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी (सुप्रीम कोर्ट में उनके इस मामले में वकील) के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया था कि वह कानून से भागे नहीं हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, “जीवन और आजादी में वह आजादी चुनेंगे, क्योंकि आजादी के लिए लड़ना पड़ता है।” उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों को शुक्रवार तक रुकना चाहिए। दरअसल, इस मामले में सीबीआई और ईडी उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी हैं और वे इनकी जांच टीमों के रडार पर हैं। मंगलवार शाम भी चिदंबरम के घर सीबीआई टीम पहुंची थीं, जबकि बुधवार को भी इन दोनों शीर्ष एजेंसियों के अधिकारियों ने पूर्व वित्त मंत्री को खोजने के लिए कई जगहों पर ताबड़तोड़ रेड मारी।
क्या है INX Case जिसमें चिदंबरम हुए ‘लापता’, गिरफ्तारी के लिए लगी हैं CBI व ED
चिदंबरम के बेटे कार्ति के खिलाफ भी गिरफ्तारी के बादल मंडरा रहे हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ एक आयकर मामले को आर्थिक अपराध अदालत से विशेष अदालत में स्थानांतरित किए जाने पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था।
विशेष अदालत विधायकों और सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करती है।
पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था। जो कि अपनी बेटी के मर्डर की हत्या में जेल में बंद हैं लेकिन आईएनएक्स मामले में वह चिदंबरम के खिलाफ गवाही देने को तैयार हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘ मेरा मानना है कि लोकतंत्र की बुनियाद स्वतंत्रता है। संविधान का सबसे अहम अनुच्छेद 21 है जो जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अगर इनमें से एक को चुनने का विकल्प हो तो मैं बेहिचक स्वतंत्रता का चुनाव करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में बहुत कुछ हुआ जिससे कुछ लोगों को चिंता हुई और भ्रम की स्थिति पैदा हुई।
कांग्रेस कार्यालय के दौरान कान्फ्रेस में चिदंबरम ने कहा, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेरा आईएनएक्स मीडिया मामले से कोई लेनादेना नहीं है। हमारी सारी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा घोषित है। मैं कई बार यह बात कही है।’’ वरिष्ठ वकील और कांग्रेस सलमान खुर्शीद ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है।
आज कांग्रेस के मुख्यालय में सुबह के 8 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। चिदंबम को 14 दिन की रिमांड पर रखे जाने की मांग कोर्ट से कर सकती है।
चिरंदबम ने दावा किया कि वह कानून से ‘‘भाग’’ नहीं रहे थे एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘झूठे’’ हैं। एजेंसियों द्वारा पूर्व वित्त मंत्री के घर पर पहुंचने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम के पुत्र एवं सांसद कार्ति ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एजेंसियों द्वारा किया जा रहा ड्रामा और तमाशा महज सनसनी फैलाने और कुछ तमाशाबीनों के फायदे के लिए है।’’
सूत्रों के अनुसार चिदंबरम को सीबीआई मुख्यालय के भूतल पर एजेंसी के अतिथि गृह के सुइट नंबर 5 में रखा गया है। उन्हें बृहस्पतिवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा जहां एजेंसी उनकी रिमांड की मांग करेगी। चिदंबरम बुधवार की शाम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने रात सवा आठ बजे मीडिया को संबोधित किया।
चिदरंबम को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआी की टीम कांग्रेस दफ्तर में भी पहुंची।
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई मुख्यालय में चिदंबरम का मेडिकल टेस्ट कराया। फिलहाल सीबीआई की आर्थिक शाखा पूर्व वित्तमंत्री से पूछताछ कर रही है।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद पूर्व वित्तमंत्री जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। आज उनकी सीबीआई के रेवेन्यू कोर्ट में पेशी है। फिलहाल उनसे सीबीआई के दफ्तर में पूछताछ जारी है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मोदी सरकार की ओर से शर्मनाक ढंग से सीबीआई/ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। यह भारत की हर टीवी स्क्रीन पर दिख रहा है।'' उन्होंने दावा किया, ''यह शर्म का विषय है कि भाजपा के हाथों में लोकतंत्र खत्म हो गया है।'' सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया।
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार में लोकतंत्र खत्म हो गया है।
चिदंबरम के घर में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की टीम की बार-बार दस्तक को लेकर कांग्रेस के तमाम नेता बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि हाल ही सूत्रों से खबर मिली है कि चिदंरबम के रेवेन्यू कोर्ट में पेशी के दिन कांग्रेस की ओर से किसी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। बता दें कि प्रदर्शन न करने को लेकर अभी तक किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है।
पी चिदंरबरम गुरुवार को सीबीआई के रेवेन्यू कोर्ट में पेश होंगे। आएनएक्स मामले के आरोपों से घिरे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने एक दौर में गृहमंत्री का कार्यभार भी संभाला था।
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा था ‘‘ मेरा मानना है कि लोकतंत्र की बुनियाद स्वतंत्रता है। संविधान का सबसे अहम अनुच्छेद 21 है जो जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अगर इनमें से एक को चुनने का विकल्प हो तो मैं बेहिचक स्वतंत्रता का चुनाव करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में बहुत कुछ हुआ जिससे कुछ लोगों को चिंता हुई और भ्रम की स्थिति पैदा हुई।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘आईएनएक्स मीडिया मामले में मैं किसी अपराध का आरोपी नहीं हूं। मेरे परिवार का कोई सदस्य भी इस अपराध का आरोपी नहीं है। यहां तक अदालत में सीबीआई या ईडी द्वारा कोई आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया गया। प्राथमिकी में भी यह नहीं कहा गया है कि मैंने कुछ गलत किया।’’
आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपों का सामना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम गिरफ्तारी से पहले बुधावार देर शाम नाटकीय ढंग से कांग्रेस मुख्यालय पर पहुंचे और कानून से ‘छिपने’ की खबरों को खारिज करते हुए उम्मीद व्यक्त की थी कि उनके मामले में जांच एजेंसियां कानून का सम्मान करेंगी।
आईएनएक्स मीडिया मामले में अपने पिता पी चिदंबरम के साथ आरोपी कार्ती चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ के तहत कार्रवाई कर रही है। लोकसभा सदस्य कार्ती ने ट्वीट कर दावा किया कि उनके पिता के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है जबकि उनके परिवार का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आईएनएक्स मीडिया मामले से कोई लेनादेना नहीं है। हमारी सारी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा घोषित है। मैंने कई बार यह बात कही है।’’ कार्ती ने कहा, ‘‘मेरे यहां चार बार छापेमारी की गई। 20 बार सम्मन किया गया और मैं उपस्थित हुआ। पूछताछ का समय हर बार 10-12 घंटे का होता था। 12 दिनों तक सीबीआई का ‘मेहमान’ रहा। इसके बाद भी अब तक कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं हुआ जबकि यह कथित मामला 2008 में हुआ और 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई।’’
सीबीआई से पहले पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। साथ ही बुधवार (21 अगस्त, 2019) को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई भी नहीं हो सकी। ऐसा इसलिए, क्योंकि सीजेआई रंजन गोगोई वाली संविधान पीठ उस दौरान अयोध्या से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी। यही वजह थी कि मामला जस्टिस रमन्ना की बेंच के पास गया, तो उन्होंने चिदंबरम को राहत देने से इन्कार कर दिया।
जस्टिस रमन्ना बोले कि यह बेंच आदेश नहीं पारित कर सकती है, क्योंकि हम सीजेआई के बगैर मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते। इसी बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। मामले में अब अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस के अलावा कम से कम चार और कारोबारी सौदों में कथित अवैध ‘‘एफआईपीबी’’ मंजूरी देने में उनकी संदिग्ध भूमिका थी। साथ ही, कई मुखौटा कंपनियों (शेल कंपनियों) के मार्फत करोड़ों रुपये की रिश्वत ली थी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ईडी को कुछ ऐसे भी सबूत मिले हैं, जिनके मुताबिक अवैध ‘‘विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड’’ (एफआईपीबी) एवं ‘‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’’ (एफडीआई) मंजूरी प्रदान करने के एवज में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम द्वारा कथित तौर पर रिश्वत लेने के बाद एक शेल कंपनी में गैरकानूनी ढंग से 300 करोड़ रुपये से अधिक राशि कथित तौर पर डाली गई थी।
यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रह चुके पी चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा है कि आईएनएक्स मीडिया केस में उन्हें ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ बताने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी पूरी तरह से निराधार है और इस मामले में दर्ज प्राथमिकी ‘‘राजनीति से प्रेरित और प्रतिशोध की कार्रवाई’’ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत के लिए अपनी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बुधवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
चिदंबरम ने अर्जी में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी बताने वाली न्यायाधीश की टिप्पणी पूरी तरह निराधार है और किसी भी सामग्री से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। न्यायाधीश ने इस अहम तथ्य को नजरअंदाज किया कि याचिकाकर्ता ने सिर्फ विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की सर्वसम्मत सिफारिश स्वीकृत की, जिसकी अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव ने की और इसमें भारत सरकार के पांच अन्य सचिव शामिल थे।’’
भाजपा ने कांग्रेस के उन आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए खारिज कर दिया कि उसके नेता पी चिदंबरम के खिलाफ केंद्र बदले की कार्रवाई कर रहा है। भाजपा ने दावा किया कि केंद्र सरकार जांच कार्यो में कोई हस्तक्षेप नहीं करती और उन्हें अपने किये के परिणाम का सामना करना होगा।
भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर उन्होंने कोई गलती की है तब उन्हें परिणाम भुगतना होगा। जांच एजेंसियां सरकार के इशारे पर काम नहीं करती है। उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने का अधिकार है।’’
दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी अभी तक चिदंबरम को राहत नहीं मिल पाई है। इससे पहले, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज रमना ने चिदंबरम को सीजेआई के पास जाने को कहा था। हालांकि, पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चिदंबरम का बचाव किया है और कहा है कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तार करने के लिए जांच एजेंसियां जैसी हड़बड़ी दिखा रही हैं उससे स्पष्ट है कि ये एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं। गहलोत ने चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच इस बारे में ट्वीट किया।
उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपना बचाव करने और उसके लिए कानूनी प्रणाली के तहत उपलब्ध सभी कानूनी कदम उठाने का अधिकार है। गहलोत ने लिखा है, ‘‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिदंबरम को पकड़ने के लिए जांच एजेंसियों की हड़बड़ी किसी भी औचित्य से परे है। यह स्पष्ट लगता है कि वे दबाव में काम कर रही हैं।’’
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का आरोप है कि सरकार ''शर्मनाक तरीके से'' चिदंबरम के पीछे पड़ी है, क्योंकि वह बेहिचक सच बोलते हैं और सरकार की नाकामियों को सामने लाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह चिदंबरम के साथ खड़ी हैं और सच के लिए लड़ाई जारी रखी जाएगी। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ''''बहुत ही योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम ने दशकों तक बतौर वित्त मंत्री, गृह मंत्री और दूसरे पदों पर रहते हुए पूरी वफादारी से देश की सेवा की है।"
प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए दावा किया है कि चिदंबरम ने घोटाले के पैसों से विदेशों में संपत्तियां खरीदी हैं! ईडी का दावा है कि इन संपत्तियों में यूके में एक कॉटेज और स्पेन के बार्सिलोना में एक टेनिस क्लब शामिल है। इसके साथ ही देश में भी कुछ संपत्ति की खरीद की गई है। बताया जा रहा है कि ये संपत्तियां 54 करोड़ रुपए में खरीदी गई।
पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार चिदंबरम का चरित्रहनन करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और ‘बिना रीढ़ वाले मीडिया’ का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और बिना रीढ़ के मीडिया के कुछ धड़ों का इस्तेमाल कर रही है ताकि चिदंबरम का चरित्रहनन किया जा सके।’’ राहुल के मुताबिक, ‘‘मैं सत्ता के इस शर्मनाक दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता हूं।’’
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री ने आईएनएक्स मीडिया मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग थी। टॉप कोर्ट बोला- याचिका में खामियों को अभी-अभी दुरुस्त किया गया है और इसे ‘‘तत्काल सुनवाई के लिए आज सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता।’’
न्यायमूर्ति एन.वी.रमण, न्यायमूर्ति एम.शांतनगौडर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की बेंच बोली, ‘‘याचिका को सूचीबद्ध किए बिना, हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते।’’
कोर्ट में पी.चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब मामले पर आज ही सुनवाई करने की मांग दोहराई तो बेंच ने कहा, ‘‘माफ कीजिए श्रीमान सिब्बल। हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते।’’
चिदंबरम के वकीलों ने आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का उच्चतम न्यायालय से दोबारा अनुरोध किया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि याचिका में कुछ खामियां हैं और रजिस्ट्री इसे सूचीबद्ध करेगी। फिलहाल उच्चतम न्यायालय ने अपने रजिस्ट्री अधिकारी को तलब किया और पी चिदंबरम की याचिका की स्थिति के बारे में पूछताछ की।
चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से छूट दिए जाने का न्यायालय से अनुरोध किया। चिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में उन्हें कर्ता-धर्ता बताने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी पूर्णतय: निराधार है और इसकी पुष्टि करने वाली कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है।
चिदंबरम मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और अपील की है कि उनका पक्ष सुने बगैर कोर्ट कोई फैसला ना दे। वहीं चिदंबरम के वकील और वरिष्ट कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल एक बार फिर जस्टिस रमना की बेंच में गए हैं। बता दें कि जस्टिस रमना ने ही आज सुबह चिदंबरम के केस को सीजेआई की बेंच के पास भेज दिया था।
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं बरती गईं।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में 2018 में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया।
सीबीआई जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी कैसे दे दी क्योंकि ऐसा करने का अधिकार केवल आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के पास ही होता है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर चिदंबरम के खिलाफ जारी सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार सीबीआई, ईडी और मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रही है और चिदंबरम की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
सीबीआई ने चिदंबरम मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल की है। इस कैविएट में सीबीआई ने मांग की है कि उनका पक्ष सुने बिना इस मामले में कोई फैसला ना किया जाए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की उम्मीदों में जुटे चिदंबरम को इससे झटका लग सकता है।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एयरसेल मैक्सिस मामलों में चिदंबरम तथा उनके बेटे की जमानत संबंधी याचिकाएं निचली अदालत में लंबित हैं। दोनों को निचली अदालत ने गिरफ्तारी से 23 अगस्त तक अंतरिम राहत प्रदान की है। एयरसेल मैक्सिस मामलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को पहली बार पिछले साल जुलाई में अंतरिम राहत मिली थी। इसके बाद समय समय पर उनकी अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाई जाती रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार विरोधी नेताओं को चुनकर निशाना बना रही है और यह उसकी कार्यशैली बन चुका है।
चिदंबरम की याचिका पर अब सीजेआई रंजन गोगोई सुनवाई करेंगे। हालांकि चिदंबरम की लीगल टीम अभी तक इस मुद्दे को लेकर सीजेआई से मुलाकात नहीं कर सकी है। बता दें कि आईएनएक्स मामले में राहत पाने के लिए चिदंबरम ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार "शर्मनाक तरीके से" चिदंबरम के पीछे पड़ी है क्योंकि वह बेहिचक सच बोलते हैं और सरकार की नाकामियों को सामने लाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह चिदंबरम के साथ खड़ी हैं और सच के लिए लड़ाई जारी रखी जायेगी।