Naxalites Surrendered in Chhattisgarh News: नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार और सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया है कि आज करीब 170 नक्सलियों ने प्रशासन के समक्ष सरेंडर कर दिया है। गृहमंत्री ने इतने बड़े नक्सली सरेंडर के चलते आज के दिन को ऐतिहासिक बताया और 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कराने के वादे को भी दोहराया।
दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर नक्सलियों के सरेंडर से जुड़े मुद्दे पर अहम पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक ऐतिहासिक दिन। आज छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। कल राज्य में 27 ने हथियार डाल दिए थे। महाराष्ट्र में कल 61 नक्सली मुख्यधारा में लौट आए।
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मैं उनके निर्णय की सराहना करता हूं- अमित शाह
अमित शाह ने लिखा, “पिछले दो दिनों में कुल मिलाकर 258 युद्ध-प्रशिक्षित वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का त्याग किया है। मैं भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए हिंसा का त्याग करने के उनके निर्णय की सराहना करता हूं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस समस्या को समाप्त करने के अथक प्रयासों के कारण नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।”
31 मार्च 2026 की डेडलाइन का किया जिक्र
अमित शाह ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “हमारी नीति स्पष्ट है। जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है और जो लोग बंदूक चलाना जारी रखेंगे, उन्हें हमारी सेना के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। मैं उन लोगों से फिर से अपील करता हूं जो अभी भी नक्सलवाद के रास्ते पर हैं कि वे अपने हथियार डाल दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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गृहमंत्री एक्स पर लिखा जनवरी 2024 से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2100 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। इसके अलावा 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का मार गिराया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।
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तीन जिलों में सिमटा नक्सलवाद
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को ही कहा गया था कि नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की संख्या घटकर तीन रह गई है। छत्तीसगढ़ में केवल बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर ही वामपंथी उग्रवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं।
मंत्रालय ने कहा कि नक्सल-मुक्त भारत के निर्माण के मोदी सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी सफलता के तहत नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या छह से घटकर तीन रह गई है।
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