Sharmishta Panoli: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई। आरोप है कि शर्मिष्ठा पनोली ने मुस्लिम समुदाय को लेकर टिप्पणी की थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी ने कहा कि उनकी टिप्पणियों से एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। जबकि भारत एक विविधतापूर्ण देश है, इसलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग दूसरों को आहत करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे देश के लोगों के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरों की भावनाओं को आहत करें। हमारा देश विविधताओं से भरा है।
जस्टिस चटर्जी पनोली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने और वीडियो पर विभिन्न प्राथमिकी (एफआईआर) को एकीकृत करने की मांग की है। पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 5 जून को अवकाश पीठ द्वारा की जाएगी।
पीठ ने जेल प्राधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि वे पनोली को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा जिस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है उसे मुख्य मामला माना जाएगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी सिंह ने शर्मिष्ठा पनोली की ओर से पेश होते हुए कहा कि जेल में उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि उसे कपड़े बदलने या दवाइयां लेने जैसे बुनियादी मानवाधिकार भी नहीं दिए जा रहे हैं। क्या यह मानवाधिकार है? मैं बहुत हैरान हूं। यहां तक कि एक आतंकवादी भी इसका हकदार हो सकता है।
सिंह ने कहा कि पनोली को ध्यान-अभाव/अति सक्रियता विकार (एडीएचडी) है और जेल में उसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में कोई तथ्य नहीं है, फिर भी देश भर में छापेमारी की जा रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बंद्योपाध्याय पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश हुए और याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अन्य कैदियों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं उसे प्रदान की जाएंगी, इससे अधिक कुछ नहीं।
बता दें, कोलकाता की एक अदालत ने मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कथित अपमानजनक वीडियो के मामले में पनोली को 31 मई को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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यह वीडियो पनोली ने 14 मई को इंस्टाग्राम पर एक पाकिस्तानी फॉलोअर के पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पोस्ट किया था।
वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी और इस मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेताओं की चुप्पी की भी आलोचना की थी। यह वीडियो तुरंत ही वायरल हो गया और व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली।
पनोली ने बाद में बताया कि इस पोस्ट के बाद उन्हें मौत और बलात्कार की धमकियां मिलीं। 15 मई को उन्होंने वीडियो हटा दिया और एक्स पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
कोलकाता पुलिस ने 30 मई की रात को पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। कोलकाता पुलिस के अनुसार, पनोली और उनके परिवार को कानूनी नोटिस देने के कई प्रयास किए गए, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। पुलिस ने बताया कि अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर उसे अंततः गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया। इससे पहले शर्मिष्ठा के वकील ने कहा था कि उसकी किडनी में पथरी है, उसे न्यूज पेपर पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही। पढ़ें…पूरी खबर।