Chandrayaan 3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन दो दिन बाद यानी 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। पूरा भारत चंद्रयान-3 के कामयाब होने की कामना कर रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में चंद्रयान के सफल लैंडिंग के लिए पूजा अर्चना की जा रही है। इसी बीच अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के समय मदद करने की घोषणा की है। नासा के बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) भी लैंडिंग के वक्त इसरो की मदद करेगा। दोनों स्पेस एजेंसी चंद्रयान-3 मिशन में कंधे से कंधा मिलाकर भारत की मदद करेगें। द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून को लॉन्च के वक्त से ही यह दोनों एजेंसी भारत के चंद्रयान-3 मिशन की हेल्थ को मॉनिटर कर रहा है।
नासा की मदद, और कौन आ रहा साथ?
जर्मनी में स्थित ईएसओसी डार्मस्टेड के ग्राउंड ऑपरेशंस इंजीनियर रमेश चेल्लाथुराई ने मीडिया को बताया कि चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद से ही ईएसए उपग्रह को उसकी कक्षा में ट्रैक करने के काम कर रहा है। ग्राउंड स्टेशन की मदद से टेलीमेट्री प्राप्त कर उसे बेंगलुरु स्थित ISRO कमांड सेंटर में भेज रहा है। बताया गया है कि फ्रेंच के गुयाना में ईएसए के 15-मीटर एंटीना और यूके के गोनहिली अर्थ स्टेशन से संबंधित 32-मीटर एंटीना की मदद से चंद्रयान की निगरानी करने में इसरो की मदद की जा रही है।
चेल्लाथुराई ने कहा कि ये दोनों स्टेशन चंद्रयान-3 मिशन के साथ नियमित आधार पर संचार कर रहे हैं। जिससे बेंगलुरु में मिशन संचालन टीम और चंद्रयान-3 उपग्रह के बीच एक संपूर्ण संचार चैनल उपलब्ध हो रहा है। खबर के मुताबिक NASA से इसरो को सबसे बड़ी मदद मिल रही है। जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंटरप्लेनेटरी नेटवर्क डायरेक्टोरेट ग्राहक इंटरफेस मैनेजर सामी असमर ने मीडिया को बताया कि चंद्रयान मिशन के लिए प्राथमिक समर्थन NASA के कैलिफोर्निया में डीएसएन कॉम्प्लेक्स से आ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह भारत से पृथ्वी के बिल्कुल दूसरी तरफ है। ऐसे वक्त पर जब भारत में स्पेस स्टेशन से चंद्रमा को नहीं देखा जा सकता है, तब नासा से जानकारी इकट्ठा कर इसरो को मुहैया कराई जाएगी।
14 दिन काम करेगा प्रज्ञान रोवर
प्रज्ञान रोवर का जीवन चांद के एक दिन के बराबर है। यह चन्द्रमा पर एक दिन तक अपने खोज और जानकारी जुटाएगा। बता दें कि चन्द्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। प्रज्ञान रोवर का इलेक्ट्रिक सिस्टम सोलर एनर्जी से संचालित होता है।