Chandrachud Bungalow Row: पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा केंद्र को लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिसमें सीजेआई के आधिकारिक आवास को तत्काल खाली करने और इसे अदालत के आवास पूल में वापस करने की मांग की गई थी।

जस्टिस चंद्रचूड़, जो पिछले साल नवंबर में सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे। वो अपनी सेवानिवृत्ति के लगभग आठ महीने बाद भी लुटियंस दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग पर बंगला नंबर 5 में रह रहे हैं। जिसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत वर्तमान सीजेआई के लिए आधिकारिक निवास के रूप में नामित किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अदालत प्रशासन (Top Court Administration) ने सरकार से बिना देरी किए घर खाली कराने का अनुरोध किया है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने पत्र का दिया जवाब

सीएनएन-न्यूज 18 से बात करते हुए स्थिति को स्पष्ट करते हुए पूर्व सीजेआई ने कहा कि संजीव खन्ना, जो उनसे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने अप्रैल तक विस्तार दिया था और उसके बाद उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की विशेष जरूरतों के कारण एक और विस्तार मांगा, जिसके लिए मौजूदा निवास में आईसीयू जैसा सेटअप बनाया गया है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस संजीव खन्ना ने मुझे अप्रैल तक विस्तार दिया। अप्रैल के अंत में मैंने जस्टिस खन्ना को जून तक विस्तार देने के लिए पत्र लिखा। अपनी बेटी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार से किराए पर एक अस्थायी आवास आवंटित करने का आग्रह किया है और जरूरी मरम्मत पूरी होते ही वह वहां चले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हम एक घर की तलाश कर रहे थे, क्योंकि हमारी बेटियां विशेष ज़रूरतों वाली हैं। हमने अपनी बड़ी बेटी के लिए आईसीयू जैसा सेटअप बनाया है, और इसलिए खुले बाज़ार में हमारी ज़रूरतों के हिसाब से घर ढूंढना मुश्किल है। इसलिए, मैंने सरकार से किराए पर अस्थायी आवास देने का अनुरोध किया था।

पूर्व सीजेआई ने स्पष्ट किया कि मुझे आवंटित सरकारी आवास में काफी मरम्मत की आवश्यकता है और हम इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं तथा अगले ही दिन हम इसमें चले जाएंगे। हमारी पैकिंग पूरी हो चुकी है और जब आवास तैयार हो जाएगा तो मैं अगले ही दिन इसमें चला जाऊंगा।

सेवानिवृत्ति के बाद प्रवास अवधि बढ़ाई गई

एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्त होने के ठीक एक महीने बाद 18 दिसंबर, 2024 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 अप्रैल, 2025 तक 5, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास में रहने की अनुमति मांगी थी।

‘मैं जनरल डिब्बे में सफर करना चाहता था, लेकिन…’, शिवराज सिंह बोले- लोगों के बीच जाकर ही तकलीफ पता चली- VIDEO

पत्र में उन्होंने बताया कि हालांकि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए नियमों के अनुसार उन्हें एक और घर (तुगलक रोड पर बंगला नंबर 14) दिया गया था, लेकिन जीआरएपी-IV (दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण योजना) के तहत निर्माण पर प्रतिबंध के कारण वहां नवीनीकरण कार्य में देरी हुई। उन्होंने कहा कि नवीनीकरण पूरा होने तक अपने मौजूदा घर में रहना आसान होगा। उन्होंने तुगलक रोड स्थित घर को भी छोड़ने की पेशकश की, ताकि इसे किसी अन्य न्यायाधीश को दिया जा सके।

2022 में बनाए गए नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने तक टाइप VII आवास (थोड़ा छोटा घर) में रहने की अनुमति है। लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ टाइप VIII बंगले में रह रहे थे, जो आमतौर पर कार्यरत मुख्य न्यायाधीशों के लिए होता है।

मुख्य न्यायाधीश खन्ना की सहमति के बाद आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने उनके अनुरोध को मंजूरी दे दी, जिससे उन्हें 11 दिसंबर, 2024 से 30 अप्रैल, 2025 तक कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगले में रहने की अनुमति मिल गई। यह अनुमोदन आधिकारिक तौर पर 13 फरवरी, 2025 के पत्र में सुप्रीम कोर्ट को भेजा गया। वहीं, सीजेआई बीआर गवई ने जजों की नियुक्ति को लेकर बड़ी बात कही है। पढ़ें…पूरी खबर।