केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रांसमिशन लाइन, टेलिकॉम टावर, गैस पाइपलाइन, हवाई अड्डे, पीएसयू समेत सरकारी कंपनियों की कई संपत्तियों को बेचने या लीज पर देने की तैयारी पहले ही कर चुकी है। अब खबर आ रही है कि केंद्र सरकार कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के लगभग 600 करोड़ रुपये के भूखंडों को बेचने की योजना बना रही है।

‘बिज़नेस स्टैंडर्ड’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार यह काम अपने नए ऑनलाइन बिडिंग प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए करेगी। केंद्र सरकार बेकार पड़ी संपत्तियों को बेचकर धन जुटाना चाहती है। यह काम वित्त मंत्रालय का ‘निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Dipam) द्वारा किया जाएगा। यह ठीक उसी तरह किया जाएगा जैसे नीति आयोग ने करोड़ों रुपये की संपत्ति के मॉनेटाइज़ेशन के काम किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘दीपम’ अब जल्द ही बीएसएनएल, एमटीएनएल, बीईएमएल, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एससीआई) सहित अन्य पीएसयू की भूसंपदा को बेचने के लिए अंतिम मंजूरी लेने जा रहा है। सरकारी संस्था एमएसटीसी द्वारा विकसित ई-बिडिंग प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए संपत्ति की यह पहली बिक्री होगी।

बता दें निजीकरण और देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी सूट-बूट वालों की सरकार है. उनकी तमाम नीतियां कारोबारी घरानों से ली हुई हैं।

दिग्विजय ने कहा कि  केंद्र सरकार राष्ट्रीय संपत्ति को निजी करने का जो कार्य कर रही है, कांग्रेस उसका विरोध करेगी। आज कांग्रेस और भाजपा में जो फर्क दिख रहा है, लायक और नालायक बेटे में यही फर्क होता है।

उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ” पूर्वजों की जमा की गई संपत्ति को बचाने का काम लायक बेटा करता है। नालायक बेटा उसे बेचता है। जो बीजेपी कर रही है।” उन्होंने कहा, ” नरेंद्र मोदी देश के अच्छे प्रधानमंत्री  कैसे होंगे, वो देश की संपत्ति को बेचने का काम कर रहे हैं। वो उस नालायक बेटे जैसे हैं जो अपने पूर्वजों की संपत्ति बेच देता है। क्या जनता ने इसलिए उन्हें सरकार में भेजा था।”