अब जबकि देश भर में ‘ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं’ वाले केंद्र सरकार के बयान पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, तो भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस साल की शुरुआत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़े देने को कहा है। और अधिक फजीहत से बचने के लिए सरकार चाहती है कि मानसून सत्र समाप्त होने से पहले ही ये आंकड़े मिल जाएं, जिससे इसे सदन में पेश किया जा सके।

‘ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं’ वाले बयान पर सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं और सांसदों ने असहमति जताई है। हालांकि खुलकर बोलने से सबने परहेज किया है। केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संसद को बताया था कि “राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है।” सरकार ने दावा किया था कि राज्यों ने इस मोर्चे पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया है।

इस बीच देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं होने के केंद्र सरकार के संसद में दिए गए बयान पर उठे विवाद के बीच हरदोई जिले के गोपामऊ क्षेत्र से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों लोगों के मारे जाने का दावा किया है।

गोपामऊ से भाजपा श्याम प्रकाश ने पिछले रविवार को स्थानीय पत्रकार आनंद मिश्रा की फेसबुक वॉल पर लिखा “आपने सच बोला है। मैं आपसे सहमत हूं। ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों लोग तड़प तड़प कर मर गए। विधायक राजकुमार अग्रवाल सहित लाखों परिवारों का दर्द किसी को दिखाई नहीं पड़ता।”

संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे आशीष की लखनऊ के एक अस्पताल में हाल में कोविड-19 से मृत्यु हुई थी। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से उनके बेटे की मौत हुई है। दरअसल, पत्रकार मिश्रा ने कुछ विधायकों के वे पत्र अखबार में छापे थे जिनमें उनके क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी का जिक्र हुआ था। उसी अखबार की कटिंग को उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया था।

उसी पोस्ट पर जाकर भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने वह टिप्पणी की। जब विधायक श्याम प्रकाश से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी सिर्फ उत्तर प्रदेश के बारे में नहीं बल्कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में उत्पन्न स्थिति के बारे में लिखी थी।