Jagan Mohan Reddy Pension Model: देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। इस बीच आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी का “गारंटी पेंशन स्कीम मॉडल” चर्चाओं में हैं और इसकी चर्चाएं दिल्ली तक पहुंच गई हैं। अभी तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय तक इसका कोई प्रस्ताव नहीं पहुंचा है, लेकिन खबर है कि अधिकारियों को यह मॉडल काफी पसंद आ रहा है।

जगन मोहन रेड्डी की प्रस्तावित गारंटी पेंशन योजना को पुरानी और नई पेंशन योजना के परिभाषित लाभ और परिभाषित योगदान को जोड़कर तैयार किया गया है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी 33 प्रतिशत तक गारंटी पेंशन पा सकते हैं। यह मॉडल हर महीने कर्मचारियों से परिभाषित योगदान लेकर उन्हें परिभाषित लाभ के दो विकल्प देता है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस मॉडल का मूल विचार अच्छा है, लेकिन आंध्र सरकार ने जानबूझकर एनपीएस की वापसी की दर को कम करके आंका है।

क्या है जगन मोहन रेड्डी का पेंशन स्कीम मॉडल

आंध्र प्रदेश की गारंटीड पेंशन योजना मॉडल के तहत अगर कोई कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का हर महीने 10 प्रतिशत देता है, तो वे 33 प्रतिशत की गारंटी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की ओर से इसमें 10 प्रतिशत योगदान होता है। इसके अलावा, हर महीने सैलरी का 14 प्रतिशत देने पर 40 प्रतिशत गारंटी पेंशन की सुविधा है।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इस मॉडल के बारे में बताया गया है। कोई औपचारिक स्वीकृति नहीं मांगी गई है, क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि यह मॉडल दिलचस्प है, लेकिन इसके बारे में विस्तार से समझने की जरूरत है।

इन राज्यों में शुरू हुई पुरानी पेंशन योजना

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस को फिर से शुरू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण को सूचित किया था। यहां की सरकारें पेंशन योजना को शुरू कर चुकी हैं।