Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधान परिषद शिक्षक और स्नातक के चुनाव में विपक्ष की महाविकास अघाड़ी ने पांच से में तीन पर कब्जा किया है। ऐसे में इन नतीजों से माना जा रहा है कि पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) जिस तरह से समर्थन में उतरा, उसे उसका लाभ मिला है। वहीं सत्ता पक्ष को ओपीएस को लागू न करने की मंशा ने नुकसान पहुंचाया है।
ओपीएस पर घोषणा नुकसानदायक साबित हुई:
दरअसल राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य की विधानसभा में इस स्कीम को वापस नहीं लाने की घोषणा की थी और वह सत्ता पक्ष के लिए महंगी साबित नजर आई है। बता दें कि राज्य में असंतोष को भांपते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और देवेंद्र फडणवीस, दोनों ने अपने पहले के रुख को बदल दिया और आश्वासन दिया कि सरकार की सोच ओपीएस को लेकर नकारात्मक नहीं है। हालांकि सत्ता पक्ष के रुख में भले ही बदलाव आया हो लेकिन भाजपा उम्मीदवारों के लिए बहुत देर हो चुकी थी।
‘मतदाता पेंशन के मुद्दे से नाखुश:’
नतीजों को लेकर महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने स्वीकार किया, “हां, यह सच है कि 90 फीसदी मतदाता पेंशन के मुद्दे से नाखुश थे। लेकिन यह भी देखा जाना चाहिए कि यह 2005 में कांग्रेस और NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) की ही सरकार थी जिसने ओपीएस को वापस ले लिया था। यह हमारी सरकार की गलती नहीं थी। हम उन कारणों पर आत्मनिरीक्षण करेंगे जिनकी वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा।”
वहीं भाजपा के एक अन्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी कांग्रेस-राकांपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मतदाता नई पेंशन योजना (एनपीएस) से नाखुश थे तो उन्हें कांग्रेस-एनसीपी उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करना चाहिए था न कि बीजेपी के खिलाफ वोट करना चाहिए।
मालूम हो कि विधानसभा के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सरकार ओपीएस को वापस नहीं लाएगी। इसे बहाल करने से सरकारी खजाने पर 1.10 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
वहीं जैसे ही गुरुवार (2 फरवरी) को नतीजे आने शुरू हुए तो महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ओपीएस को वापस लाने का वादा किया था और मतदाता समझते हैं कि केवल कांग्रेस ही इसे लागू कर सकती है।
किन सीटों पर हुआ था चुनाव:
बता दें कि महाराष्ट्र में जिन MLC सीटों पर चुनाव हुए, उनमें नासिक, नागपुर, औरंगाबाद, कोंकण और अमरावती शामिल है। इसमें नागपुर मंडल शिक्षक सीट पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) उम्मीदवार सुधाकर अडबाले (Sudhakar Adbale) ने जीत दर्ज की। वहीं नासिक से निर्दलयी उम्मीदवार सत्यजीत ताम्बे और औरंगाबाद से एनसीपी के विक्रम काले ने जीत हासिल की है। वहीं कोंकण सीट भाजपा की झोली में गई है।
बता दें कि नागपुर भाजपा का गढ़ माना जाता है, ऐसे में उसके हाथ से यह सीट फिसलना 2024 के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं। अहम बात यह कि नागपुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, फडणवीस और राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले का गृह जिला है। पिछले साल भी कांग्रेस के अभिजीत वंजारी ने नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एक अन्य चुनाव में भाजपा के संदीप जोशी को हराया था।