भारत में दावा कंपनियों पर केंद्र सरकार ने सख्ती शुरू की है। सरकार ने दवाओं की गुणवत्ता को परखने के लिए जांच अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में पिछले 6 महीनों में देश की 134 दवा कंपनियों की जांच की गई है। वहीं कई कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जबकि 11 कंपनियों पर स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर लागू किया गया है। इसके अलावा टीम ने दो फार्मा कंपनियां बंद की हैं। बता दें कि विदेशों में कुछ भारतीय दवाओं को लेकर सवाल खड़े किये गए थे, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया।
134 दवा कंपनियों का हुआ इंस्पेक्शन
न्यूज़ 18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशों में भारतीय दवाइयों पर सवाल उठने के बाद से DCGI और स्टेट ड्रग रेगुलेटर ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता परखने को लेकर निरीक्षण अभियान तेज कर दिया है। इस क्रम में अब तक तीन अलग-अलग चरणों में कुल 134 दवा कंपनियों का इंस्पेक्शन किया गया है।
इस अभियान के अंतर्गत Not of standard Quality Drug (NSQ) प्रोड्यूस करने के पिछले तीन साल का रिकॉर्ड जिन कंपनियों का था, उनका डाटा बनाया है। इनमे वे कंपनियां शामिल की गईं हैं, जिन्होंने 2019-22 के दौरान 11 से ज़्यादा बार NSQ टेस्ट में फेल रहीं। वहीं 16 कंपनियों को SPO (Stop Production Order) के आदेश दिए गए हैं।
जिन कंपनियों की जांच की जा रही है, उनमे सबसे अधिक हिमाचल प्रदेश की हैं। हिमाचल की 51 यूनिट की जांच की जा रही है। जबकि उत्तराखंड की 22, गुजरात की 9, दिल्ली की 5, तमिलनाडु की 4, पंजाब की 4, हरियाणा की 3, राजस्थान की 2 और मध्य प्रदेश की 14 कंपनियां शामिल हैं।
मार्च में भी हुई थी कार्रवाई
वहीं इससे पहले मार्च महीने में नकली और खराब दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी। केंद्र सरकार ने 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे, जबकि 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की टीम द्वारा निरीक्षण के बाद खराब क्वालिटी और नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों पर ये कार्रवाई की गई थी।