सीबीआई जस्टिस बीएच लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मांगी है। शीर्ष अदालत ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए यह रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होगी। जस्टिस लोया कथित सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस केस में बरी हो चुके हैं। हाइप्रोफाइल मामला होने को नाते जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत को गंभीर माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की वकील अनिता शिनॉय ने जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत की जांच कराने की याचिका दायर की है। उन्होंने 3 जजों की बेंच से मामले की सुनवाई कराने की गुहार लगाई है। जस्टिस लोया की मौत पर उनके परिवार के लोग संदेह जता रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर बताया- सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए जस्टिस लोया की पोस्टमार्ट्म रिपोर्ट मांगी है।
CBI Judge B.H Loya death case: Supreme Court sought Judge Loya’s postmortem report from Maharashtra government & said that ‘the matter is very serious.’ Court to hear it next on Monday.
— ANI (@ANI) January 12, 2018
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस लोया की मौत 1 जनवरी 2014 को हार्ट अटैक से उस वक्त हो गई थी जब वह नागपुर में अपने एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। पिछले वर्ष उनकी बहन ने उनकी मौत को सोहराबुद्दीन केस से जोड़ते हुए शक जाहिर किया था।
आखिर क्या है पूरा मामला?
जस्टिस लोया 26 नवंबर 2005 को कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सोहराबुद्दी सेख मामले की सुनवाई कर रहे थे। सीबीआई के मुताबिक सोहराबुद्दीन सेख और उनकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस ने हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जाते वक्त अगवा कर लिया था। 2005 में गांधीनगर के पास उनका फर्जी एनकाउंटर कर दिया गया। पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से सोहराबुद्दीन के तार जुड़े होने की बात कही गई थी। सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर के वक्त अमिशाह गुजरात के गृहमंत्री थे। 2012 में शीर्ष अदालत ने मामले को महाराष्ट्र की ट्रायल कोर्ट में ट्रांस्फर कर दिया था। 2014 में मामले की सुनवाई कर रहे जज जेटी उत्पत का अचानक तबादला हो गया था और उसके बाद जस्टिस लोया मामले की सुनवाई कर रहे थे।
इस केस में बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के कारोबारी विमल पाटनी, गुजरात पुलिस के पूर्व चीफ पीसी पांडे, एडीजीपी गीता जौहरी, गुजरात पुलिस के ऑफिसर अभय चूडासम्मा और एनके अमीन बरी हो चुके हैं। फिलहाल पुलिस अधिकारियों समेत 23 आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच चल रही है।