जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कुमार द्वारा सेना के जवानों पर दिए बयान के खिलाफ कानपुर की सिविल कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया है। कन्हैया ने सेना पर बयान देते हुए कहा था कि सेना के जवान कश्मीर में महिलाओं से रेप करते हैं।
महिला दिवस पर छात्रों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा था कि आप चाहे हमें कितना भी रोकें, हम लोग मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बोलेंगे। हम लोग अफ्सपा के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। जहां हम हमारे जवानों की इज्जत करते हैं, वहीं हम इस तथ्य पर भी बात करेंगे कि कश्मीरी महिलाओं के साथ सुरक्षा बलों के जवान रेप करते हैं।
साथ ही कुमार ने कहा था कि रवांडा में युद्ध के दौरान 1000 महिलाओं के साथ रेप हुआ था। अफ्रीका में भी जातीय संघर्ष के दौरान सेना जब किसी अन्य ग्रुप पर हमला करती थी तो पहले उनकी महिलाओं के साथ रेप होता था। आप गुजरात का उदाहरण ले सकते हैं कि जहां महिलाओं का कत्ल ही नहीं किया गया बल्कि पहले उनके साथ रेप किया गया।
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बुधवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा ने दिल्ली के वसंत विहार थाने में कन्हैया के इसी बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कन्हैया के साथ ही जेएनयू प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ भी शिकायत की गई थी। मोर्चा का कहना है कि इन्होंने ‘राष्ट्रविरोधी’ बयान दिए हैं। मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि कन्हैया ने दोबारा से छात्रों की भीड़ को संबोधित करते हुए भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगला है। कुमार ने भारतीय सेना के जवानों को कश्मीरी महिलाओं के रेपिस्ट का तमगा दिया है। वहीं 9 फरवरी के समारोह का विरोध करने वाली एबीवीपी ने भी कन्हैया के इस बयान का विरोध करते हुए अपना बयान जारी किया है। एबीवीपी ने कहा कि कन्हैया का बयान भारतीय सेना पर हमला है।
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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें शिकायत मिली है और हम लोग अभी मामले को देख रहे हैं। हालांकि, अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।