Ajmer Sharif Dargah: अजमेर की एक कोर्ट में एक याचिका दायर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने से रोकने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा दरगाह पर कोई चादर नहीं चढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि यह स्थल वर्तमान में कानूनी विवाद का विषय है।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर आवेदन अजमेर कोर्ट में चल रहे मुकदमे का हिस्सा है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह का निर्माण एक ध्वस्त शिव मंदिर के स्थल पर किया गया था।
बता दें, अभी हाल ही में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर ट्वीट की थी , जिसमें वह उन्हें चादर दे रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाया जाना है, यह एक परंपरा है जिसका पालन पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा भी किया जाता रहा है।
रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने चादर पेश की जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर उनकी ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई जाएगी। यह भाव भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है। “
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गुप्ता की अर्जी के अनुसार, जब विवादित ढांचे से संबंधित मामला कोर्ट में लंबित है, तो केंद्र सरकार द्वारा वहां चादर भेजकर न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का हनन किया जा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि, “केंद्र सरकार द्वारा चादर भेजकर विचाराधीन विवादित ढांचे को किसी भी प्रकार की राजनीतिक वैधता प्रदान करने से न केवल न्यायिक प्रक्रिया बाधित होगी, बल्कि न्यायालय की स्वतंत्रता भी प्रभावित होगी, जिसके कारण पूरा मामला आधारहीन हो जाएगा। “
इसलिए गुप्ता ने प्रार्थना की है कि केंद्र सरकार द्वारा कोई चादर न चढ़ाई जाए। अजमेर दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का मकबरा है। कोर्ट में लंबित मुकदमे के अनुसार, मुख्य प्रवेश द्वार की छत का डिजाइन एक हिंदू संरचना जैसा दिखता है, जो दर्शाता है कि यह स्थल मूलतः एक मंदिर था।
गुप्ता ने कहा कि इन छतरियों की सामग्री और शैली स्पष्ट रूप से उनके हिंदू मूल को उजागर करती है। दुर्भाग्यवश, उनकी उत्कृष्ट सतही नक्काशी रंग और सफेदी के कारण छिपी हुई है, जो इसे हटाने के बाद उनकी असली पहचान और वास्तविकता को प्रदर्शित कर सकती है।
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