ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्श फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने पिछले साल राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कुछ और नेताओं से मुलाकात की थी और 2019 के लोकसभा चुनावों की हवा सोशल मीडिया के आंकड़ों के जरिये उसकी तरफ मोड़ने का प्रस्ताव दिया था। इस बात का दावा समाचार चैनल एनडीटीवी किया है। चैनल के मुताबिक उसके हाथ ऐसे दस्तावेज लगे हैं जिनसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कैम्ब्रिज एनालिटिका के निलंबित सीईओ अलेक्जेंडर निक्स की मुलाकात की बात सही साबित होती है। रिपोर्ट के मुताबिक अलेक्जेंडर ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पी चिदंबरम से भी इस बाबत मुलाकात की थी। अलेक्जेंडर ने कांग्रेस से इस काम के ढाई करोड़ रुपये मांगे थे। चैनल ने कहा है कि सूत्रों ने कंपनी के साथ कांग्रेस नेताओं की मुलाकात की पुष्टि की लेकिन किसी तरह के समझौते की बात से इनकार किया है। कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा- ”कॉमर्शियल प्रपोजल पर बात करने या संबंधित कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक करने का यह मतलब नहीं कि संबंधित कंपनी और पार्टी के बीच अपने आप कोई समझौता हो जाए।”
चैनल ने दावा किया है कि उसके पास मौजूद जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष अक्टूबर और नवंबर में कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा था। 50 पेज के इस प्रस्ताव पर अगस्त 2017 की तरीख दर्ज है और शीर्षक में “Data-Driven Campaign | The Path to the 2019 Lok Sabha” लिखा है। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि कंपनी फेसबुक और ट्वीटर के आधार पर वोटरों की जानकारी जुटाकर 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका रुझान कांग्रेस की तरफ मोड़ सकती है। चैनल ने सूत्रों के हवाले कहा है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका के इस प्रस्ताव को कांग्रेस ने ठुकरा दिया था, इसकी वजह यह थी कि पार्टी कैम्ब्रिज एनालिटिका को ‘राइट विंग’ समझ रही थी और उसे आशंका थी कि वह कहीं कांग्रेस में ही सेंध न लगा दे।
बता दें कि पिछले दिनों कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगा था कि उसने फेसबुक के पांच करोड़ यूजरों के डेटा का इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए किया था। लेकिन फेसबुक की तरफ से एक बार फिर साफ किया गया था कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करीब 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल किया था। कंपनी के बारे में खुलासे के बाद अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया भर में फेसबुक के प्रति नाराजगी देखी गई थी। फेसबुक की सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इस बाबत माफी भी मांग ली थी। वहीं कैम्ब्रिज एनालिटिका के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन में जांच बैठाई गई थी।
इस विवाद के बाद से दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक को निवेशकों, विज्ञापनदाताओं, यूजर्स और राजनेताओं का भारी आक्रोश को झेलना पड़ा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका पर जकरबर्ग को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी। वहीं बीजेपी की तरफ से कांग्रेस पर कैंबिज एनालिटिका का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था और कहा गया था कि राहुल गांधी माफी मांगें। वहीं पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक तस्वीर ट्वीट की थी जिसमें सामने से अलेक्जेंडर निक्स दिख रहे थे और पीछे से दिखने वाले शख्स को राहुल गांधी बताया गया था। दोनों हाथ मिलाते दिख रहे थे। अलेक्जेंडर के पीछे दीवार पर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह भी दिखाई दे रहा था।
Kya Baat hai @RahulGandhi Ji.. Congress ka Haath, Cambridge Analytica ke Saath!https://t.co/fUaPlMekMB pic.twitter.com/JieXqUgp3K
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) March 28, 2018