पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर अपने ही पुराने सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से मात खाने के बाद ममता बनर्जी ने चुनाव परिणाम को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार को ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान जब भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसी मामले को लेकर उनके द्वारा दायर की गई दरख्वास्त का हवाला दिया तो कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
कोलकाता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश शंपा सरकार की पीठ ने मामले की सुनवाई को 15 नवंबर तक के लिए टाल दिया। इस मामले में शुभेंदु अधिकारी के वकील ने पीठ से अनुरोध करते हुए कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग की है। इसलिए उस याचिका पर फैसला होने तक सुनवाई को टाल दिया जाए।
शुभेंदु अधिकारी के वकील के अनुरोध पर कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 15 नवंबर 2021 तक के लिए टाल दिया। बता दें कि हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी को करीब 1956 वोटों के अंतर से हरा दिया था। जिसके बाद ममता बनर्जी ने याचिका दायर कर चुनाव परिणामों को चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि इस मामले में सुनवाई के लिए पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने न्यायाधीश कौशिक चंदा को नियुक्त किया था। जिसके बाद ममता बनर्जी ने मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को पत्र लिखकर कहा था कि चंदा पहले भाजपा के सदस्य रहे हैं इसलिए उन्हें इस मामले से हटाया जाए।
हालांकि न्यायमूर्ति चंदा ने ममता बनर्जी के इन दावों को लेकर कहा था कि वह भाजपा के कभी सक्रिय सदस्य नहीं रहे, लेकिन बीजेपी की ओर से अनेक मामलों में कोलकाता उच्च न्यायालय में पेश हुए थे। ममता बनर्जी के द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद न्यायाधीश कौशिक चंदा ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। जिसके बाद इस मामले को न्यायाधीश शंपा सरकार को सौंपा गया था।
नवंबर तक सुनवाई टलने के बाद यह साफ़ हो गया है कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव जीतना होगा। इसलिए तृणमूल कांग्रेस जल्द से जल्द खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की मांग कर रही है। अगर 5 नवंबर तक उपचुनाव नहीं होते हैं तो ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र देना पड़ेगा।