त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने बुधवार को रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह लगातार पांचवां साल है जबकि रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस दिया मिलेगा और इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा इस बार 3500 रुपए से बढ़ा कर 7000 रुपए की गई है, जिससे रेलकर्मियों की बोनस राश दो गुना होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए रेलवे के गैर राजपत्रित कर्मचारियों (आरपीएफ-आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारियों को हर साल दशहरा त्योहार से पहले उत्पादकता आधारित बोनस दिया जाता है। इससे रेलवे पर 2,090.96 करोड़ रुपए को बोझ पड़ेगा। वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 में भी रेल कर्मियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया गया था।
जीएसटी के लिए 2,256 करोड़ रुपए मंजूर
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति :सीसीईए: ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की 2,256 करोड़ रुपए की सूचना प्रौद्योगिकी परियोजना ‘सक्षम’ को मंजूरी दे दी है जिसके तहत केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड की प्रणाली को प्रस्तावित नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा। सरकार जीएसटी को आगमी पहली अप्रैल से लागू करना चाहती है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि परियोजना के जरिए सीबीईसी के आईटी ढांचे को एक अप्रैल, 2017 से पहले जीएसटी के लिए तैयार रखने का लक्ष्य है। परियोजना की कुल लागत 2,256 करोड़ रुपए होगी जो सात साल में खर्च की जाएगी। इसमें कहा गया है कि आईटी प्रणाली का उन्नयन करते समय मौजूदा करदाता सेवाओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
Cabinet to pay 78 days’ Productivity Linked Bonus for 2015-16 to eligible Group ‘C’ and ‘D’ Railway Employees: Prakash Javadekar pic.twitter.com/dfzRxSwRb0
— ANI (@ANI) September 28, 2016
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पेरिस जलवायु समझौते के अनुमोदन को मंजूरी
ऐतिहासिक पेरिस समझौते को लागू किए जाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए सरकार ने इसके अनुमोदन को आज मंजूरी दे दी। इसे दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर औपचारिक रूप दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने यह मंजूरी तब दी जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम के बारे में घोषणा की थी। इससे भूमंडलीय तापन पर नियंत्रण करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदमों को लागू करने में गति मिलेगी। केंद्रीय प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इसके साथ भारत उन महत्वपूर्ण देशों में एक होगा जो ऐतिहासिक पेरिस समझौते को लागू करने में सहायक भूमिका निभाएंगे। जावडेकर ने कहा, ‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेरिस समझौते के अनुमोदन को मंजूरी दे दी, जो ऐतिहासिक फैसला है। अनुमोदन के साथ भारत उन देशों में से एक होगा जो पेरिस समझौते को लागू कराने में सहायक होंगे।’
Cabinet approves implementation of Rs. 2,256 crore Project 'SAKSHAM', a New Indirect Tax Network of CBEC : Prakash Javadekar #GST pic.twitter.com/umCkp1z4wB
— ANI (@ANI) September 28, 2016
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हिंदुस्तान केबल्स को बंद करने के लिए 4,777 करोड़ रुपए का पैकेज
केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान केबल्स लि. (एचसीएल) को बंद करने के लिये 4,777.05 करोड़ रुपए के पैकेज को भी मंजूरी दी। इस कोष का उपयोग कंपनी के कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान, समय से पहले सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश करने तथा सरकारी कर्ज को शेयर में तब्दील करने में किया जाएगा। एक बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोलकाता स्थित हिंदुस्तान केबल्स लि. को बंद करने को मंजूरी दी। यह मंजूरी कंपनी कानून 1956 : 2013, औद्योगिक विवाद कानून, 1947 और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत दी गयी है।’ बयान के अनुसार कर्मचारियों को 2007 के वेतनमान के तहत आकर्षक वीआरएस : वीएसएस पैकेज की पेशकश की जाएगी।
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भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी
सरकार ने इलाहबाद स्थित भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लि. के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी। रणनीतिक विनिवेश के तहत संबंधित सार्वजनिक उपक्रम में सरकार की 50 प्रतिशत अथवा इससे अधिक हिस्सेदारी बेची जाती है। इसके साथ ही प्रबंधन नियंत्रण भी दूसरे हाथों में हस्तांतरित कर दिया जाता है। सरकार ने इसके साथ ही भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लि. को 111.59 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। वित्तीय सहायता से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का भुगतान हो सकेगा साथ ही सीआईएसएफ बकाया भी चुकाया जा सकेगा।