उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव पर मंगलवार को मुहर लगा दी। राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि “जबरन सामूहिक रूपांतरण के मामलों में, अध्यादेश में 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य धर्म में परिवर्तित होने के बाद शादी करना चाहता है, तो उसे शादी से 2 महीने पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी।”
कहा कि ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो। उन्होंने बताया कि इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने कानून विभाग को लव जेहाद के खिलाफ सख्त कानून लाने का प्रस्ताव हाल में भेजा था। सख्त कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, “राज्य में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है, जो सामाजिक शर्मिंदगी और दुश्मनी का कारण बने हैं। इन मामलों से माहौल खराब हो रहा है इसलिए एक सख्त कानून समय की जरूरत है।”
अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। एससी/एसटी समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण के लिए 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी।
यूपी के मंत्री मोहसिन रज़ा ने राज्य मंत्रिमंडल पर जबरन धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाने पर कहा, “हमने देखा कि धार्मिक रूपांतरण ‘लव जिहाद’ की साजिश का हिस्सा थे। इन धर्मांतरणों के पीछे एक बड़ी साजिश है, जिसे हमारी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुलझाया गया।”
The ordinance provides for jail term of 1-5 years with Rs 15,000 penalty for forceful religious conversion. For conversions of minors & women of SC/ST community, there will be jail term of 3-10 years with Rs 25,000 penalty: State Cabinet Minister Siddharth Nath Singh https://t.co/D6uTXIAHic
— ANI UP (@ANINewsUP) November 24, 2020
पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में हुए उपचुनावों के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभी हाल में फैसला दिया था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि था, “जो लोग नाम छिपाकर बहू बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, अगर वे नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है।” उन्होंने कहा था कि लव जिहाद में शामिल लोगों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे।
यूपी के गृह विभाग ने गैरकानूनी धर्मांतरण के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था। विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है।
मंगलवार सुबह यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रूप से धर्मांतरण को लेकर है। जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने कहा कि ‘लव जिहाद’ पर हमारी रिपोर्ट में अवैध धर्मांतरण रोकने की व्यवस्था है। गलत विवरण या किसी भी प्रलोभन के माध्यम से किया जाने वाला कोई भी धार्मिक रूपांतरण को अवैध माना जाएगा और इसमें 3 साल तक की सजा हो सकती है।