Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए उन्माद फैलाने की कोशिश करने वालों पर अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने नजरें टेढ़ी कर ली है। यूपी पुलिस ने ऐसे 16,761 सोशल मीडिया पोस्ट को चिन्हित किया है जिनके जरिए नागरिकता कानून के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। इनमें ट्विटर पर 7513 पोस्ट , फेसबुक पर 976 पोस्ट और यूट्यूब पर किए गए 171 पोस्ट शामिल हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई पोस्ट्स को ब्लॉक करने या फिर उसे डिलीट करने का फैसला किया है। इसके अलावा अभी यूपी पुलिस सीएए और एनआरसी को लेकर किये गये ऐसे ही अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स को भी स्कैन कर रही है।
सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई इस कार्रवाई का खुलासा उस वक्त हुआ जब राज्य में 110 लोगों को पुलिस ने नोटिस थमाया। पुलिस का दावा है कि यह लोग सीएए और एनआसी को लेकर राजधानी लखनऊ में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल थे। यहां आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून के खिलाफ भ्रम फैलाने वालों और प्रदर्शन के दौरान हिंसा कर सरकारी संपत्ति को नुकसाने पहुंचाने वालों की पहचान कर उनसे नुकसान का हर्जाना लिया जाएगा।
इस पर अमल करते हुए मुजफ्फरनगर पुलिस पहले ही कई दुकानदारों के दुकान को जिले में सीज कर चुकी है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन से पहले इन दुकानों के आसपास काफी भीड़ जुटी थी और ऐसी आशंका है कि इसी भीड़ ने हिंसा फैलाई है।
यहां आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने भी सीएए और एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने वाले पोस्ट डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने ट्विटर औऱ फेसबुक को लिखित रूप से कहा है कि वो सीएए पर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से संबंधित झूठी बातें फैलाने वाले पोस्ट्स को डिलीट कर दे।
इस मामले में दिल्ली के डीसीपी (North West), विजयंत गोयल आर्या ने कहा कि ‘हम फेक मैसेज के खिलाफ केस दर्ज कर रहे हैं। एक फेक मैसेज में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस मुखर्जी नगर में स्थित कोचिंग सेंटरों को बंद करवा रही है…यह मैसेज सोशल मीडिया पर काफी प्रचारित किया गया है। हमने ऐसी झूठी अफवाहों को सोशल मीडिया से हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक को भी लिखित रुप से कहा है।’