CAA Protest: उत्तर प्रदेश में लखनऊ समेत कई स्थानों पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के पारित होने के बाद हुई हिंसा में 11 लोगों की जान जा चुकी है। मेरठ, बिजनौर, वाराणसी, फिरोजाबाद, संभल और कानपुर में जान-माल की क्षति हुई है। बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ हिंसक हो गई। जिसके बाद पथराव, आगजनी और लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए। पूरे प्रदेश के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। कई जिलों में इंटरनेट भी बंद किया गया है, साथ ही धारा 144 भी लागू है।

मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद: बता दें कि यूपी पुलिस ने शुक्रवार (20 दिसंबर ) को संभावित आंदोलन से होने वाली समस्या को रोकने की आशंका में लगभग 3,305 लोगों को नजरबंद कर दिया और 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। सबसे बड़े राज्य के लगभग 21 जिलों में धारा 144 लगाई गई और इंटनेट  बंद किया गया। पुलिस ने सीएए के खिलाफ किसी भी विरोध या दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुए पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है।

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लगभग चार किलोमीटर लंबा जुलूस : लखनऊ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि एक ही समय पर कई स्थानों पर लोग विरोध करने के लिए घर से बाहर निकले हो। कानपुर में जुलूस लगभग चार किलोमीटर लंबा था और हमारे पास विरोध की अनुमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कानपुर, बुलंदशहर जैसे शहरों में सड़कों पर लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा था।

एक व्यक्ति की मौत: गौरतलब है कि गुरुवार (19 दिसंबर) को लखनऊ में हिंसा और आगजनी की घटनाओं के एक दिन बाद शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत हो गई। शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी ओपी सिंह ने संवेदनशील स्थानों का दौरा किया और शहर में शांति बनाए रखने के लिए मुस्लिम मौलवियों से मुलाकात की थी। एहतियात के तौर पर, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), कानून एवं व्यवस्था, प्रवीण कुमार ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट का प्रतिबंधात्मक आदेश और निलंबन शनिवार को भी जारी रहेगा।