CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। बिहार के गया में भी कई दिनों से प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा- जो जालिम बादशाह है, अल्ला-ताला उनके दिमाग में नरमी बख्शे। बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में बिहार के गया में भी काफी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। बीती 29 दिसंबर से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन शहर के शांति बाग इलाके में हो रहा है।

बिहार में गया के अलावा पटना के सब्जीबाग इलाके में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं इकट्ठा होकर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इसी तरह पटना के ही हारून नगर इलाके में सीएए के खिलाफ कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रयागराज के मंसूर अली खान पार्क में जारी इस विरोध प्रदर्शन में 5000 से ज्यादा महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल हैं। प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने बताया कि वह शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शनों से प्रेरित हुए हैं। एक महिला ने कहा कि ‘यदि हमारी बहनें विरोध प्रदर्शन कर सकती हैं, तो हम भी यहां ऐसा कर सकते हैं।’

सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की शुरूआत दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से हुई है। जहां बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष सड़कों पर बैठकर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिनों जब जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सीएए के खिलाफ मार्च निकाला था, तो उसमें हिंसा भड़क गई थी।

इस दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया था। हिंसा भड़कने के बाद से ही शाहीन बाग इलाके में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। जहां विपक्षी पार्टियों के नेता अपना समर्थन देने के लिए पहुंच रहे हैं। हाल ही में शशि थरूर और मणिशंकर अय्यर भी शाहीन बाग पहुंचे और वहां प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।

इसी बीच दिल्ली के जाफराबाद इलाके में भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई भी महिलाएं कर रही हैं। हालांकि यह विरोध प्रदर्शन अलग-अलग जगहों पर कई दिनों से जारी थे, लेकिन बुधवार रात को बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग जाफराबाद पुलिस के पास पुराने बस स्टैंड पर धरने पर बैठ गई हैं।