नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजी. (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार (4 फरवरी, 2020) को एक सवाल के जवाब में लिखित में उत्तर दिया कि देशभर में अभी तक एनआरसी लागू करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री राय ने बताया, ‘राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों के लिए एनआरसी तैयार करने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच ही शून्यकाल चला। संसद के बजट सत्र की 31 जनवरी से शुरुआत होने के बाद आज पहली बार उच्च सदन में शून्यकाल चला, वह भी हंगामे के बीच। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
इसके बाद उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल के तहत मुद्दे उठाने को कहा। तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। ब्रायन ने कहा कि सीएए को लेकर पूरा देश आंदोलित है और यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है।
इसी बीच, कांग्रेस तथा वाम दलों के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हो कर सीएए तथा एनआरसी पर चर्चा की अनुमति दिए जाने की मांग करने लगे। सभापति नायडू ने कहा ‘‘मैं कल ही व्यवस्था दे चुका हैं। राष्ट्रपति अभिभ्राषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदस्य अपने अपने मुद्दे उठा सकते हैं। अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव दोनों ही महत्वपूर्ण हैं और सदस्यों को इस पर चर्चा के दौरान अपने अपने मुद्दे उठाने का पूरा मौका मिलेगा।’’
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए। कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य अपने स्थानों से ही तृणमूल सदस्यों की मांग का समर्थन करते रहे। (भाषा इनपुट)