नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देशभर के विभिन्न प्रदेशों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। गुरुवार (9 जनवरी, 2019) को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से कांग्रेस-एनसीपी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इसके खिलाफ ‘गांधी यात्रा’ की शुरुआत की। इस यात्रा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश अंबेडकर जैसे दिग्गज नेता शामिल रहे।
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में महत्मा गांधी की हत्या दोबारा नहीं होने देंगे और ना ही देश का बंटवारा होने देंगे। सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग के साथ ही कहा कि जेएनयू प्रकरण मामले में न्यायिक जांच की जाए। पिछले दिनों दर्जनों नकाबपोश अराजक तत्वों ने जेएनयू में घुसकर छात्रों के साथ बुरी तरह मारपीट की। इसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष के सिर में भी काफी चोटें आईं।
उल्लेखनीय है कि सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रही इस गांधी यात्रा को मुम्बई एनसीपी चीफ शरद पवार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। करीब तीन हजार किलोमीटर लंबी 21 दिन की यह यात्रा मुम्बई से दिल्ली तक होगी। मुम्बई के गेटवे से शुरू होकर 30 तारीख को ये यात्रा दिल्ली के राजघाट पर खत्म की जाएगी। खबर के मुताबिक इस यात्रा में किसान के मुद्दों को उठाया जाएगा। वहीं, देश की चरमराती अर्थव्यवस्था पर ने बारे में भी सरकारक पर सवाल उठाए जाएंगे।
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश अंबेडकर और अन्य नेता गेटवे ऑफ इंडिया पर नागरिकता संशोधन कानून और NRC के विरोध में ‘गांधी शांति यात्रा’ में शामिल हुए। pic.twitter.com/gIrF4gCkPL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2020
यात्रा के दौरान यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि हमारी यात्रा सीएए और एनआरसी के खिलाफ है। कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ राज्य सरकारों की हिंसा के खिलाफ है। रास्ते में हम लोगों से बात करेंगे। हम आंबेडकर के संविधान की रक्षा करेंगे। हम देश का बंटवारा नहीं होने देंगे और ना ही दोबारा गांधी की हत्या होने देंगे।