नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए (CAA) मोदी सरकार (Modi Government) के लिए हमेशा ही एक बड़ा मुद्दा रहा था और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) लगातार यह दावा करते रहे थे कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही सीएए लागू हो जाएगा। अब आज अचानक सीएए को लेकर भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके इसे लागू कर दिया है।
अब सवाल यह है कि आखिर यह सीएए क्या है और इसके लागू होने पर क्या बड़े बदलाव हों गए और कैसे यह आम आदमी को प्रभावित करेगा। खबरें हैं कि आज आए सीएए से जुड़े नोटिफिकेशन के बाद नागरिकता को लेकर कानूनों क्या बड़े बदलाव हुए हैं। चलिए सीएए की बारीकियां समझते हैं।
दरअसल, CAA को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी भी मिल गई थी। सरकार समर्थक इसे ऐतिहासिक ऐतिहासिक कदम बता रहे थे और विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिमों को प्रताड़ित करने का कानून बताया था।
आज लागू हो सकता है CAA
इस कानून का पूरा नाम नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA है, जो कि अंग्रेजी में Citizenship Amendment Act कहलाता है। यह संसद में CAB यानी Citizenship Amendment Bill के तौर पर आया था। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ये बिल नागरिक संशोधन कानून (CAA, Citizenship Amendment Act) यानी एक्ट बन गया था और आज यह लागू भी हो गया है।
नागरिकता पाने के नियम में होगा बदलाव
सीएए के कानून के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान आए हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता मिल जाएगी। इस पर कुछ आलोचकों का कहना है कि ये प्रावधान भेदभावपूर्ण है, क्योंकि इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि CAA लागू होने के बाद नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास आ गया है।
क्या रखी गई है डेडलाइन
CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। इसके तहत जो डेट तय की गई है वह 31 दिसंबर 2014 से पहले तक की है। मतलब इस तारीख तक भारत में आकर बसे सभी गैरमुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल जाएगी।