CAA, NRC-NPR Protest: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर जारी विरोध- प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश के बागपत से एक खबर सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि जन्मतिथि प्रमाण पत्र के लिए लोगों की भीड़ नगर निगम, बीएसए दफ्तर में उमड़ रही है। इस दौरान नगर निगम में दशों पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। गौरतलब है कि इनमें अधिकांश लोग मुस्लिम समुदाय के बताए जा रहे हैं।

क्या है मामला: एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक, CAA- NRC और NPR को लेकर जारी घमासान ने पश्चिमी यूपी के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि बागपत के राजपुर गांव के रहने वाले मंजूर अहमद पांचवीं पास का सर्टिफिकेट खोजने की जद्दोजहद में जुटे हैं। उन्होंने साल 1970 में केएचआर इंटर कॉलेज से 5वीं पास की थी। मामला गुरुवार का है जब वह इस सिलसिले में बीएसए दफ्तर पहुंचे थे। मंजूर का कहना है कि एनआरसी जैसे मामलों में पुराने डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए वह स्कूल के कहने पर बीएसए दफ्तर पहुंचे हैं। हालांकि जानकारों ने NRC को लेकर इसे महज भ्रम करार दिया है।

पश्चिमी यूपी में ज्यादा असर: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र ने बताया कि उनके दफ्तर पर बर्थ सर्टिफिकेट (जन्मतिथि प्रमाणपत्र) बनवाने वाले लोगों में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखें को मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें मुस्लिम समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है। बागपत, मेरठ जैसे वेस्ट यूपी के इलाकों में ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

बुजुर्गों की संख्या ज्यादा: खबर के मुताबिक, ऐसे मामलों में 60 साल व उससे अधिक आयु वर्ग के लोग ज्यादा हैं जो, सरकारी दफ्तरों में पहुंचकर सर्टिफिकेट जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वह नियम के मुताबिक, 1969 से पहले पैदा हुए व्यक्ति का जन्म प्रमाणपत्र नहीं बना सकते हैं। डॉ. गजेन्द्र ने कहा कि बड़ी ज्यादातर बुजुर्ग अपने बर्थ सर्टिफिकेट की कॉपी लेने के लिए भी आ रहे हैं। ऐसे में जिनका रिकॉर्ड उपलब्ध है, उनके जन्म प्रमाणपत्र की कॉपी उन्हें दी जा रहे है।